छत्तीसगढ़ में मठ-मंदिरों का ‘धर्म-युद्ध’: जमीन हड़पने और धर्मांतरण के खिलाफ बनेगा महाट्रस्ट, रायपुर में जुटेंगे हजारों साधु
मुख्य बिंदु:
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भारतमाला प्रोजेक्ट में हुए जैतूसाव मठ जमीन घोटाले के बाद प्रदेश के मठ-मंदिर हुए एकजुट।
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संपत्तियों को भू-माफिया से बचाने और धर्मांतरण के खिलाफ लड़ने के लिए बनेगा ‘महाट्रस्ट’।
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जून के अंतिम सप्ताह में रायपुर में होगा विशाल प्रदर्शन, देशभर से जुटेंगे हजारों साधु-संत।
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महाट्रस्ट के जरिए संस्कृत पाठशाला और वेदशालाओं को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में मठ-मंदिरों की संपत्तियों पर हो रहे अवैध कब्जों और धर्मांतरण की बढ़ती चिंताओं के बीच प्रदेश के धार्मिक स्थलों ने एक ऐतिहासिक और बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेशभर के सभी मठ, मंदिर और ट्रस्ट एकजुट होकर एक ‘महाट्रस्ट’ का गठन करेंगे। यह फैसला उस घटना के बाद लिया गया है, जिसमें भू-माफिया और रसूखदारों ने मिलकर भारतमाला प्रोजेक्ट में जैतूसाव मठ की जमीन का मुआवजा फर्जी तरीके से हड़प लिया था।छत्तीसगढ़ में मठ-मंदिरों का ‘धर्म-युद्ध
क्यों पड़ी महाट्रस्ट की जरूरत? जैतूसाव मठ कांड बना वजह
इस बड़े आंदोलन की चिंगारी जैतूसाव मठ जमीन घोटाले से भड़की। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मठ की जमीन का अधिग्रहण हुआ था, जिसका मुआवजा ट्रस्ट को मिलना था। लेकिन अफसरों और रसूखदारों की मिलीभगत से कुछ फर्जी लोगों ने यह करोड़ों की मुआवजा राशि हड़प ली। हालांकि बाद में आरोपी पकड़े गए, लेकिन मठ को आज तक उसकी राशि वापस नहीं मिल सकी है। इसी घटना से सबक लेते हुए प्रदेश के तमाम मठ-मंदिरों ने अपनी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए एकजुट होने का निर्णय किया है।छत्तीसगढ़ में मठ-मंदिरों का ‘धर्म-युद्ध
क्या होगा महाट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य?
यह महाट्रस्ट केवल एक संगठन नहीं, बल्कि मठ-मंदिरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाला एक मजबूत मंच होगा। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:छत्तीसगढ़ में मठ-मंदिरों का ‘धर्म-युद्ध
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संपत्तियों की सुरक्षा: भू-माफियाओं और अवैध कब्जों से मठ-मंदिरों की हजारों एकड़ जमीन और संपत्तियों की रक्षा करना।
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कानूनी लड़ाई: अदालतों में चल रहे जमीन विवाद के मामलों में एकजुट होकर प्रभावी ढंग से पैरवी करना।
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धर्मांतरण के खिलाफ अभियान: प्रदेश में धर्मांतरण के खिलाफ एक बड़ा जागरूकता अभियान चलाना और सनातन धर्म की रक्षा करना।
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शैक्षणिक पहल: मंदिरों की जमीनों पर संस्कृत पाठशाला, वेदशाला और सनातन धर्म आधारित स्कूलों का निर्माण और संचालन करना।
हजारों साधुओं का रायपुर में ‘हल्ला-बोल’
महाट्रस्ट के गठन को लेकर जून के अंतिम सप्ताह में राजधानी रायपुर में एक विशाल प्रदर्शन और धर्म-सभा की तैयारी है।
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विशाल जुटान: इस प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ के साधु-संतों के साथ-साथ देशभर से एक हजार से भी अधिक नागा साधु और अन्य संत शामिल होंगे।
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अधिकारियों का घेराव: संतों की उपस्थिति में महाट्रस्ट के पदाधिकारियों की घोषणा की जाएगी और मठ-मंदिरों की जमीनों से जुड़े मामलों को लेकर राजस्व अधिकारियों का घेराव भी किया जाएगा।
प्रमुखों की आवाज: ‘संपत्ति बचाना सबसे बड़ी चुनौती’
जैतूसाव मठ के सचिव महेंद्र अग्रवाल ने कहा, “मठ-मंदिरों की संपत्तियों की सुरक्षा आज हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। रोजाना कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने से भगवान की सेवा भी प्रभावित हो रही है।”छत्तीसगढ़ में मठ-मंदिरों का ‘धर्म-युद्ध
वहीं, दत्तात्रेय मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष हरि वल्लभ अग्रवाल ने बताया, “मंदिरों की संपत्तियों को बचाने की मांग को लेकर हजारों साधु रायपुर में प्रदर्शन करेंगे। महाट्रस्ट का निर्माण सनातन धर्म की जड़ों को और मजबूत करेगा।”छत्तीसगढ़ में मठ-मंदिरों का ‘धर्म-युद्ध