भारत के खिलाफ आतंकवाद पर सख्ती, TMC सांसद अभिषेक बनर्जी होंगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा
📌 मुख्य बातें संक्षेप में:
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यूसुफ पठान ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से नाम वापस लिया
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ममता बनर्जी की आपत्ति के बाद केंद्र ने अभिषेक बनर्जी को शामिल किया
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प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर रखेगा
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ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत की सख्त सैन्य कार्रवाई को पेश किया जाएगा
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दौरा 22 मई से शुरू होकर कई एशियाई देशों में होगा
Operation Sindoor Update: भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति को वैश्विक मंच पर रखने के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में अब तृणमूल कांग्रेस (TMC) की ओर से अभिषेक बनर्जी को शामिल किया गया है। इससे पहले टीएमसी सांसद यूसुफ पठान को नामित किया गया था, लेकिन पार्टी की आपत्ति के बाद उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया।भारत के खिलाफ आतंकवाद पर सख्ती
📞 ममता बनर्जी और किरेन रिजिजू के बीच हुई बातचीत
सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी केंद्र के फैसले से नाराज थीं क्योंकि उनके अनुसार, बिना परामर्श के यूसुफ पठान का नाम तय किया गया। उन्होंने इसे “तानाशाही रवैया” बताया और प्रतिनिधिमंडल के बहिष्कार की चेतावनी भी दी थी।
इस राजनीतिक तनातनी को शांत करने के लिए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ममता बनर्जी से फोन पर बात की। बातचीत के दौरान ममता ने प्रतिनिधिमंडल में अभिषेक बनर्जी को शामिल करने का प्रस्ताव रखा, जिसे केंद्र ने स्वीकार कर लिया।भारत के खिलाफ आतंकवाद पर सख्ती
🌏 कहां जाएगा प्रतिनिधिमंडल और क्या है मकसद?
यह सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल 22 मई से इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर की यात्रा पर जाएगा। इसका प्रमुख उद्देश्य भारत की राष्ट्रीय एकता, आतंकवाद के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस नीति’ और ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों की जानकारी साझा करना है।भारत के खिलाफ आतंकवाद पर सख्ती
💥 क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर भारत का एक गोपनीय सैन्य अभियान है, जिसके तहत पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की गई। इस अभियान का उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद को जड़ से खत्म करना है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह दिखाना है कि भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।भारत के खिलाफ आतंकवाद पर सख्ती
🗨️ टीएमसी का रुख साफ: बिना परामर्श नहीं चलेंगे निर्णय
टीएमसी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सहयोग तभी संभव है जब सम्मान और परामर्श की प्रक्रिया अपनाई जाए। यूसुफ पठान की जगह अभिषेक बनर्जी की नियुक्ति इस बात का संकेत है कि केंद्र और विपक्ष को सहयोग के लिए संवाद जरूरी है।भारत के खिलाफ आतंकवाद पर सख्ती