गरीब हम्मालों की ईमानदारी ने जीता सबका दिल, पुलिस ने किया सम्मानित
रतलाम: शहर के चांदनी चौक क्षेत्र में दो हम्मालों की ईमानदारी की कहानी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। ये दोनों हम्माल, रामलाल नायक और भगवान सिंह, बिना चप्पल के पैरों में मेहनत मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं। बावजूद इसके, इन्होंने अपनी ईमानदारी से पूरे शहर का दिल जीत लिया है।रतलाम में ईमानदारी की मिसाल: पहनने के लिए चप्पल नहीं, मगर 12 लाख से भरा बैग लौटाया
सड़क पर मिला 12 लाख रुपये से भरा बैग
माणक चौक इलाका, जो सराफा व्यवसाय के लिए प्रसिद्ध है, वहां इन दो हम्मालों को एक लावारिस बैग मिला। पहले तो उन्होंने बैग के मालिक का इंतजार किया, लेकिन जब काफी देर तक कोई नहीं आया, तो उन्होंने बैग खोलकर देखा। बैग में करीब 12 लाख रुपये नकद भरे हुए थे। दोनों हम्मालों ने बिना कोई लालच दिखाए तुरंत पास के दुकानदारों की मदद से पुलिस को सूचित किया।रतलाम में ईमानदारी की मिसाल: पहनने के लिए चप्पल नहीं, मगर 12 लाख से भरा बैग लौटाया
पुलिस भी हुई दंग, सम्मानित किया
जब पुलिस बैग लेकर थाने पहुंची और उसमें रखी रकम देखी, तो वे भी हैरान रह गए। पुलिस ने हम्मालों की इस ईमानदारी की सराहना की और रामलाल नायक और भगवान सिंह को शाल, श्रीफल, और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस सम्मान से दोनों हम्माल बेहद खुश हुए और उन्होंने कहा कि वे हमेशा ईमानदारी से जीने में विश्वास रखते हैं।रतलाम में ईमानदारी की मिसाल: पहनने के लिए चप्पल नहीं, मगर 12 लाख से भरा बैग लौटाया
रतलाम की जनता ने की प्रशंसा
इस घटना के बाद, रतलाम के व्यापारी भी इन दोनों युवकों की ईमानदारी से प्रभावित हुए। यह घटना आज के समय में ईमानदारी और नैतिकता का एक अनूठा उदाहरण पेश करती है। रतलाम के एसपी राहुल कुमार ने भी दोनों युवकों की प्रशंसा की और उन्हें समाज के लिए प्रेरणा बताया।रतलाम में ईमानदारी की मिसाल: पहनने के लिए चप्पल नहीं, मगर 12 लाख से भरा बैग लौटाया
रामलाल नायक और भगवान सिंह ने यह साबित कर दिया कि ईमानदारी के लिए दौलत की नहीं, बल्कि मजबूत नैतिकता की जरूरत होती है। इस घटना ने समाज में ईमानदारी और नैतिकता की अहमियत को फिर से उजागर किया है।