दुर्ग के दो युवक पकड़े गए: पालतू मांस को जंगली सूअर बताकर बेच रहे थे, वन विभाग ने 20 पैकेट जब्त किए
🐗 जंगली सूअर का मटन बताकर राहगीरों को बेचने की कर रहे थे कोशिश
बालोद (छत्तीसगढ़) – बालोद जिले के नारागांव जंगल में सोमवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया जब दुर्ग जिले के दो युवक जंगली सूअर का मटन बताकर मांस बेचने की फिराक में थे। सूचना मिलने पर वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर दोनों युवकों को 20 मटन पैकेट के साथ हिरासत में ले लिया।पालतू मांस को जंगली सूअर बताकर बेच रहे थे
🚨 बालोद से 24 किमी दूर जंगल में चल रही थी अवैध बिक्री की कोशिश
यह घटना बालोद मुख्यालय से लगभग 24 किलोमीटर दूर नारागांव जंगल क्षेत्र की है। यहां पाउवारा (दुर्ग) निवासी दमेश देवार (33) और गोलू ठाकुर (21) बाइक पर मटन लेकर आए थे। उन्होंने राहगीरों से मटन को ‘बरहा’ (जंगली सूअर) का बताकर बेचने का प्रयास किया।पालतू मांस को जंगली सूअर बताकर बेच रहे थे
👁️🗨️ संदिग्ध गतिविधियों पर ग्रामीणों ने दी सूचना
ग्रामीणों और राहगीरों ने जब युवकों की संदिग्ध गतिविधियों को देखा तो तुरंत वन विभाग को सूचित किया। सूचना मिलते ही एसडीओ डिम्पी बैस और रेंजर हेमलता उइके की टीम मौके पर पहुंची और दोनों को काले पॉलीथिन में पैक किए गए मांस के साथ गिरफ्तार कर लिया।पालतू मांस को जंगली सूअर बताकर बेच रहे थे
🔬 मांस के नमूने जांच के लिए जबलपुर लैब भेजे गए
वन विभाग ने बताया कि जब्त मांस को यह जांचने के लिए कि यह जंगली सूअर का है या पालतू, पशु चिकित्सा टीम द्वारा नमूने एकत्र किए गए हैं। इन सैंपलों को जबलपुर स्थित फॉरेंसिक लैब में भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत कार्रवाई की जाएगी।पालतू मांस को जंगली सूअर बताकर बेच रहे थे
📣 क्या बोले अधिकारी?
एसडीओ डिम्पी बैस ने बताया,
“फिलहाल प्रारंभिक जांच की जा रही है। मांस की प्राकृतिक पहचान रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी।”
📌 मुख्य बिंदु संक्षेप में:
- आरोपी दुर्ग जिले के पाउवारा गांव के निवासी
- मटन को जंगली सूअर बताकर बेचने का प्रयास
- 20 पैकेट मांस के साथ पकड़े गए
- मांस की फॉरेंसिक जांच जबलपुर लैब में होगी
- वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई संभावित