राजनांदगांव: शहर के पूर्व पार्षद हेमंत ओस्तवाल ने एक बयान जारी कर कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद एवं शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा के बयान की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने राजनांदगांव के पूर्व सांसद अभिषेक सिंह के खिलाफ अधिकारियों को निर्देशित करने के संबंध में टिप्पणी की थी। ओस्तवाल के अनुसार, छाबड़ा द्वारा इस्तेमाल किया गया शब्द ‘हैसियत’ राजनीति में हल्का और अनुचित है। राजनीति में ‘हैसियत’ जैसे शब्दों का प्रयोग अनुचित: हेमंत ओस्तवाल का कुलबीर सिंह छाबड़ा पर निशाना
दो विचारधाराओं का संघर्ष, जनता का अधिकार
हेमंत ओस्तवाल ने कहा कि राजनैतिक दृष्टिकोण से जनहित में सरकार की नीतियों और गलत कार्यों का विरोध करना हर जनप्रतिनिधि और आम नागरिक का अधिकार है। लेकिन कुलबीर छाबड़ा द्वारा पूर्व सांसद पर दिए गए बयान में ‘हैसियत’ का उपयोग उनकी हल्की सोच को दर्शाता है। ओस्तवाल के अनुसार, राजनीति में किसी नेता की ‘काबिलियत’ उसे सम्मान दिलाती है, न कि ‘हैसियत’। राजनीति में ‘हैसियत’ जैसे शब्दों का प्रयोग अनुचित: हेमंत ओस्तवाल का कुलबीर सिंह छाबड़ा पर निशाना
कांग्रेस के शासनकाल में छाबड़ा की चुप्पी पर सवाल
ओस्तवाल ने यह भी सवाल उठाया कि कांग्रेस के पिछले पांच वर्षों के शासनकाल में कुलबीर सिंह छाबड़ा बुढ़ासागर परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ क्यों नहीं बोले। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सांसद अभिषेक सिंह के सत्ता में नहीं होने के बाद ही छाबड़ा इस मुद्दे पर सक्रिय हुए हैं। राजनीति में ‘हैसियत’ जैसे शब्दों का प्रयोग अनुचित: हेमंत ओस्तवाल का कुलबीर सिंह छाबड़ा पर निशाना
बुढ़ासागर भ्रष्टाचार पर चुप्पी
ओस्तवाल ने छाबड़ा पर आरोप लगाया कि वे अपने वार्ड के 16 करोड़ रुपए के बुढ़ासागर भ्रष्टाचार मामले में एक भी टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। साथ ही, उन्होंने सवाल किया कि छाबड़ा अब पूर्व सांसद से मिलकर जांच की मांग कर रहे हैं, जबकि अब तक चुप्पी साधे हुए थे। राजनीति में ‘हैसियत’ जैसे शब्दों का प्रयोग अनुचित: हेमंत ओस्तवाल का कुलबीर सिंह छाबड़ा पर निशाना