चित्रकोट में पर्यटन नाका सील, एसडीएम की कार्रवाई पर ग्रामीणों का चक्काजाम, भ्रष्टाचार और मनमानी के आरोप
जगदलपुर/चित्रकोट। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग स्थित विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चित्रकोट में सोमवार को उस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब लोहंडीगुड़ा के अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) नीतीश वर्मा ने स्थानीय समिति द्वारा संचालित किए जा रहे एक प्रवेश नाके को अवैध बताते हुए सील कर दिया। इस कार्रवाई के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों और नाका समिति के सदस्यों ने क्षेत्र के सरपंच के नेतृत्व में मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।एसडीएम की कार्रवाई पर ग्रामीणों का चक्काजाम
क्या है पूरा मामला?
चित्रकोट जलप्रपात घूमने आने वाले पर्यटकों से वाहनों के प्रवेश और पार्किंग के नाम पर एक स्थानीय समिति द्वारा लंबे समय से शुल्क वसूला जा रहा था। एसडीएम नीतीश वर्मा ने इस समिति और उसके द्वारा संचालित नाके को अवैध करार देते हुए उसे सील करने की कार्रवाई की। प्रशासन का मानना है कि इस प्रकार का शुल्क संग्रहण नियमों के विपरीत है।
ग्रामीणों का विरोध और आरोप
एसडीएम की इस कार्रवाई से नाराज नाका समिति के सदस्य और स्थानीय ग्रामीण, ग्राम सरपंच श्री भंवर मौर्य के नेतृत्व में मारडूम चौक पर एकत्रित हुए और उन्होंने चित्रकोट की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर दिया। प्रदर्शनकारी प्रशासन के इस कदम का पुरजोर विरोध कर रहे थे।
सरपंच श्री भंवर मौर्य ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि मार्च महीने में ही ग्राम सभा के माध्यम से एक नई समिति का गठन कर उसे नाके के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उनका कहना था कि इससे पूर्व जो पुरानी समिति कार्यरत थी, उसने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया था। सरपंच ने आरोप लगाया कि पुरानी समिति के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय, प्रशासन ने नई और वैध समिति के कामकाज पर ही रोक लगा दी है।एसडीएम की कार्रवाई पर ग्रामीणों का चक्काजाम
एसडीएम पर मनमानी का आरोप
सरपंच मौर्य ने यह भी सनसनीखेज आरोप लगाया कि एसडीएम द्वारा यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि समिति ने उनके (एसडीएम के) मेहमानों के लिए कथित तौर पर “उचित व्यवस्था” नहीं की थी। यह आरोप मामले को और भी गंभीर बनाता है और प्रशासनिक अधिकारियों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है।एसडीएम की कार्रवाई पर ग्रामीणों का चक्काजाम
घंटों चला प्रदर्शन
लगभग पांच घंटे तक नाका समिति के सदस्य और ग्रामीण कड़ी धूप में सड़क पर बैठकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ और पर्यटकों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा। इस घटना ने स्थानीय स्वशासन, पर्यटन प्रबंधन और प्रशासनिक हस्तक्षेप से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रश्नों को जन्म दिया है। मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है, यह देखना होगा।एसडीएम की कार्रवाई पर ग्रामीणों का चक्काजाम