VVIP चॉपर घोटाला: क्रिश्चियन मिशेल की रिहाई पर फैसला सुरक्षित, जानें क्या है पूरा मामला

VVIP चॉपर घोटाला: क्रिश्चियन मिशेल की रिहाई पर फैसला सुरक्षित, जानें क्या है पूरा मामला
VVIP चॉपर घोटाला: क्रिश्चियन मिशेल की रिहाई पर फैसला सुरक्षित, अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। इस मामले के मुख्य आरोपी और कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की रिहाई की याचिका पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट इस मामले पर अपनी अगली सुनवाई 10 सितंबर को करेगा, जिसके बाद मिशेल के भविष्य का फैसला हो सकता है।
कोर्ट में क्या हुआ?
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान, क्रिश्चियन मिशेल ने मीडिया से बातचीत में खुद पर लगे आरोपों को नकारा। जब उनसे गांधी परिवार से संपर्क के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने साफ तौर पर “बिल्कुल नहीं” कहा। मिशेल ने यह भी दावा किया कि भ्रष्टाचार भारत में नहीं, बल्कि इटली में हुआ था।VVIP चॉपर घोटाला: क्रिश्चियन मिशेल की रिहाई पर फैसला सुरक्षित
ED ने क्यों किया रिहाई का विरोध?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई, दोनों जांच एजेंसियों ने मिशेल की रिहाई का पुरजोर विरोध किया है। ED ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए मिशेल की याचिका को “भ्रामक और निराधार” बताया और इसे खारिज करने की मांग की।VVIP चॉपर घोटाला: क्रिश्चियन मिशेल की रिहाई पर फैसला सुरक्षित
ED ने तर्क दिया कि:
मिशेल को दिसंबर 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
उसे दुबई से प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत लाया गया था, जो न केवल उन अपराधों के लिए मुकदमे की अनुमति देता है जिनके लिए प्रत्यर्पण हुआ, बल्कि उससे जुड़े अन्य अपराधों के लिए भी अनुमति देता है।
इसलिए, मिशेल पर सीआरपीसी की धारा 436-ए (निर्धारित सजा की आधी अवधि काटने पर रिहाई) का प्रावधान लागू नहीं होता है।
मिशेल ने अपनी याचिका में क्या कहा?
इससे पहले, 4 अगस्त को क्रिश्चियन मिशेल ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में याचिका दायर कर रिहाई की मांग की थी। उसकी दलील थी कि उसे जिन अपराधों के लिए दुबई से भारत प्रत्यर्पित किया गया था, वह उन अपराधों के लिए निर्धारित अधिकतम सजा की आधी अवधि जेल में काट चुका है।VVIP चॉपर घोटाला: क्रिश्चियन मिशेल की रिहाई पर फैसला सुरक्षित
क्या है अगस्ता वेस्टलैंड VVIP चॉपर घोटाला?
यह पूरा मामला साल 2010 का है, जब तत्कालीन यूपीए सरकार ने भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए इटली की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ ₹3,600 करोड़ का सौदा किया था।VVIP चॉपर घोटाला: क्रिश्चियन मिशेल की रिहाई पर फैसला सुरक्षित
आरोप: इस सौदे को पाने के लिए कंपनी ने कथित तौर पर भारतीय राजनेताओं, रक्षा अधिकारियों और नौकरशाहों को रिश्वत दी।
खुलासा: यह घोटाला 2012 में सामने आया, जिसके बाद 2014 में भारत सरकार ने इस सौदे को रद्द कर दिया।
मिशेल की भूमिका: क्रिश्चियन मिशेल उन तीन बिचौलियों में से एक था, जिस पर कंपनी के पक्ष में सौदा कराने और अधिकारियों को प्रभावित करने का आरोप है। सीबीआई का दावा है कि इस काम के लिए मिशेल की कंपनियों को करीब 42.27 मिलियन यूरो (लगभग ₹2,128 करोड़) का भुगतान किया गया था।
मिशेल को 4 दिसंबर 2018 को दुबई से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था, जिसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में है।VVIP चॉपर घोटाला: क्रिश्चियन मिशेल की रिहाई पर फैसला सुरक्षित









