उत्तराखंड में ‘जल प्रलय’: 34 सेकंड में आंखों के सामने बह गया पूरा गांव, 4 की मौत, 50 से ज्यादा लापता, दिल्ली तक हड़कंप

उत्तराखंड में ‘जल प्रलय’: 34 सेकंड में आंखों के सामने बह गया पूरा गांव, 4 की मौत, 50 से ज्यादा लापता, दिल्ली तक हड़कंप
उत्तरकाशी, उत्तराखंड: उत्तराखंड में ‘जल प्रलय’: 34 सेकंड में आंखों के सामने बह गया पूरा गांव, देवभूमि उत्तराखंड ने मंगलवार को प्रकृति का ऐसा रौद्र रूप देखा, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। उत्तरकाशी जिले के धराली में दोपहर करीब 1:45 बजे बादल फटने से आई भीषण बाढ़ ने खीर गंगा गांव को महज 34 सेकंड में मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया। देखते ही देखते पूरा का पूरा गांव सैलाब में समा गया, जिससे चारों ओर चीख-पुकार और तबाही का मंजर पसर गया।
34 सेकंड का वो खौफनाक मंजर…
पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश ने मंगलवार दोपहर को अपना सबसे विनाशकारी रूप दिखाया। अचानक पहाड़ी से पानी और मलबे का एक सैलाब सैलाब की शक्ल में गांव की ओर दौड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में इस तबाही की भयावहता कैद हो गई है, जिसमें लोग जान बचाने के लिए भागते और चीखते-चिल्लाते दिख रहे हैं। पानी के इस सैलाब ने अपने रास्ते में आने वाली हर चीज—घर, होटल, दुकानें—सब कुछ नेस्तनाबूद कर दिया। धराली का पूरा बाजार मलबे के ढेर में बदल चुका है।उत्तराखंड में ‘जल प्रलय’: 34 सेकंड में आंखों के सामने बह गया पूरा गांव
आधिकारिक पुष्टि के अनुसार, इस जल प्रलय में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता हैं। आशंका जताई जा रही है कि कई लोग अब भी मलबे में दबे हो सकते हैं, जिससे यह आंकड़ा बढ़ सकता है।उत्तराखंड में ‘जल प्रलय’: 34 सेकंड में आंखों के सामने बह गया पूरा गांव
दिल्ली से उत्तराखंड तक एक्शन: PM मोदी और अमित शाह ने लिया संज्ञान
इस भीषण आपदा की खबर मिलते ही दिल्ली तक हड़कंप मच गया।उत्तराखंड में ‘जल प्रलय’: 34 सेकंड में आंखों के सामने बह गया पूरा गांव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्काल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर हालात की पूरी जानकारी ली। उन्होंने ट्वीट कर प्रभावितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
उत्तरकाशी के धराली में हुई इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। इसके साथ ही सभी पीड़ितों की कुशलता की कामना करता हूं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी से बात कर मैंने हालात की जानकारी ली है। राज्य सरकार की निगरानी में राहत और बचाव की टीमें हरसंभव…
— Narendra Modi (@narendramodi) August 5, 2025
गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री से बात की और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए फौरन ITBP की तीन टीमों को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया।
उत्तराखंड के धराली (उत्तरकाशी) में फ्लैश फ्लड की घटना को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात कर घटना की जानकारी ली। ITBP की निकटतम 3 टीमों को वहाँ भेज दिया गया है, साथ ही NDRF की 4 टीमें भी घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई हैं, जो शीघ्र पहुँच कर बचाव कार्य में लगेंगी।
— Amit Shah (@AmitShah) August 5, 2025
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में बारिश और अंधेरा बन रहे दुश्मन
आपदा की सूचना मिलते ही SDRF, NDRF, ITBP और भारतीय सेना की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और युद्धस्तर पर बचाव कार्य में जुट गई हैं। लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन में कई बड़ी चुनौतियां सामने आ रही हैं:
लगातार बारिश: घटनास्थल पर हो रही लगातार बारिश के कारण बचाव कार्यों में भारी दिक्कत आ रही है और नए भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।
चुनौतीपूर्ण भूगोल: धराली एक भूगर्भीय रूप से बेहद संवेदनशील और दुर्गम इलाका है, जिससे भारी मशीनरी को पहुंचाना मुश्किल हो रहा है।
कड़ाके की ठंड: ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां रातें बेहद ठंडी होती हैं, जो मलबे में फंसे लोगों और बचाव दल, दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती है।
क्यों इतनी अहम और संवेदनशील है धराली?
धराली गांव गंगोत्री धाम से महज 18 किलोमीटर पहले, गंगा नदी के तट पर बसा है। चारधाम यात्रा के मुख्य मार्ग पर स्थित होने के कारण यहां श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए बड़ी संख्या में होटल, रेस्टोरेंट और होमस्टे बने हुए हैं। इसी वजह से इस आपदा में हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।उत्तराखंड में ‘जल प्रलय’: 34 सेकंड में आंखों के सामने बह गया पूरा गांव









