रायपुर

“मातृभाषा को बचाना है!” छत्तीसगढ़िया पत्रकारों का बड़ा संकल्प, एकजुट होकर लड़ेंगे अधिकारों की लड़ाई

“मातृभाषा को बचाना है!” छत्तीसगढ़िया पत्रकारों का बड़ा संकल्प, एकजुट होकर लड़ेंगे अधिकारों की लड़ाई

मातृभाषा को बचाना है!” छत्तीसगढ़िया पत्रकारों का बड़ा संकल्प, छत्तीसगढ़ की अपनी मातृभाषा को बचाने और प्रादेशिक पत्रकारों के अधिकारों के लिए लड़ने के संकल्प के साथ, छत्तीसगढ़िया पत्रकार महासंघ ने एक नई हुंकार भरी है। राजधानी रायपुर में आयोजित महासंघ की प्रादेशिक बैठक में न केवल संगठन को मजबूत करने की रणनीति बनी, बल्कि पत्रकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ सरकार से सीधी बात करने का भी फैसला लिया गया।

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हरेली मिलन के बहाने मंथन: क्यों हाशिए पर है छत्तीसगढ़ी भाषा?

शनिवार को रायपुर के वृंदावन हॉल में यह बैठक सिर्फ एक औपचारिक सभा नहीं, बल्कि प्रदेश भर के पत्रकारों के लिए वैचारिक समन्वय और हरेली मिलन का एक संगम थी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र रथ ‘गर्व’ ने संगठन के मूल उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “हमारी मातृभाषा छत्तीसगढ़ी लगातार हाशिए पर जा रही है। पत्रकारिता ही वह माध्यम है जो किसी भाषा को सम्मान और महत्व दिला सकती है। ऐसे में छत्तीसगढ़ी भाषा को उसके अपने ही घर में ऊंचाइयों तक पहुंचाने का बीड़ा हम पत्रकारों और साहित्यकारों के कंधों पर है।”मातृभाषा को बचाना है!” छत्तीसगढ़िया पत्रकारों का बड़ा संकल्प

संगठन को मजबूत करने का खाका तैयार, जिले-जिले तक पहुंचेगा महासंघ

"मातृभाषा को बचाना है!" छत्तीसगढ़िया पत्रकारों का बड़ा संकल्प, एकजुट होकर लड़ेंगे अधिकारों की लड़ाई

बैठक की शुरुआत प्रदेश के दिवंगत पत्रकारों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। इसके बाद संगठन को जिले-जिले तक मजबूत करने पर गहन चर्चा हुई। इस दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:

  • प्रदेशव्यापी दौरा: संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए प्रदेश दौरे का निर्णय लिया गया।

  • राजधानी में मजबूत टीम: रायपुर में एक सशक्त जिला स्तरीय टीम बनाने की प्रक्रिया तत्काल शुरू की गई।

  • वरिष्ठों को मिलेगी जिम्मेदारी: छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखने वाले वरिष्ठ और मूर्धन्य पत्रकारों की एक सूची तैयार कर, उनसे संपर्क साधा जाएगा और उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।

पत्रकारों पर हमलों के खिलाफ हल्ला-बोल, गृहमंत्री से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल

"मातृभाषा को बचाना है!" छत्तीसगढ़िया पत्रकारों का बड़ा संकल्प, एकजुट होकर लड़ेंगे अधिकारों की लड़ाई"मातृभाषा को बचाना है!" छत्तीसगढ़िया पत्रकारों का बड़ा संकल्प, एकजुट होकर लड़ेंगे अधिकारों की लड़ाई

महासंघ ने पत्रकारों पर हो रहे हमलों, झूठे आरोपों और बदले की भावना से की जाने वाली कार्यवाहियों पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। इस मुद्दे पर कड़ाई से चर्चा करने और एक ठोस समाधान निकालने के लिए जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल गृह मंत्री से मुलाकात करेगा और अपनी बात रखेगा। प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र रथ ने स्पष्ट किया कि संगठन का संकल्प प्रदेश के सभी पत्रकारों को एकजुट करना और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करना है।मातृभाषा को बचाना है!” छत्तीसगढ़िया पत्रकारों का बड़ा संकल्प

राज्य स्थापना दिवस के बाद मनेगा महासंघ का स्थापना दिवस

बैठक में यह भी तय किया गया कि छत्तीसगढ़िया पत्रकार महासंघ का स्थापना दिवस अब हर साल राज्य स्थापना दिवस (राज्योत्सव) के ठीक बाद धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके लिए प्रदेश भर के पत्रकारों से सुझाव भी आमंत्रित किए गए हैं।मातृभाषा को बचाना है!” छत्तीसगढ़िया पत्रकारों का बड़ा संकल्प

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