यह  मंदिर  छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव ज़िले के डोंगरगढ़ में स्थित है

इसे मां डोंगरगढ़ बम्लेश्वरी के नाम से जानते है

मां बम्लेश्वरी मंदिर का इतिहास करीब 2,200 साल पुराना है.  

यह मंदिर 1,610 फ़ीट ऊंची लोहंडीगुडा की पहाड़ी पर बना है  

यहां तक पहुंचने के लिए करीब 1,100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं 

इस मंदिर का बहुत आध्यात्मिक महत्व है और कई किंवदंतियां भी इससे जुड़ी हुई हैं 

मां भगवती और भगवान शिव के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए राजा वीरसेन ने मां बम्लेश्वरी का मंदिर बनवाया था 

बाद में मदनसेन के बेटे कामसेन ने राजगद्दी संभाली, जो उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के समकालीन थे. कहा जाता है कि विक्रमादित्य भी मां बम्लेश्वरी को अपनी कुलदेवी मानते थे