महेश नवमी का माहेश्वरी समाज से क्या है संबंध?
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष नवमी को महेश नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को खासकर माहेश्वरी समाज के लोग विशेष रूप से मनाते हैं। इस बार 15 जून 2024 शनिवार को महेश नवमी का पर्व मनाया जाएगा। भगवान शिव के विभिन्न पवित्र नामों में से एक नाम महेश है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विशेष पूजन किया जाता हैं। तो आओ जानते हैं कि महेश नवमी का माहेश्वरी समाज से क्या है संबंध?
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पौराणिक कथाओं एवं मान्यताओ के अनुसार, युधिष्टिर सम्वत 9 ज्येष्ठ शुक्ल नवमी के दिन भगवान महेश तथा आदिशक्ति माता पार्वती ने ऋषियों के श्राप के कारण पत्थर में परिवर्तित हो चुके 72 क्षत्रियों को शापमुक्त कर और पुनर्जीवन प्रदान करते हुए कहा था कि आज से तुम्हारे वंशपर हमारी छाप रहेगी, तुम माहेश्वरी कहलाओगे।
भगवान महेश एवं माता पार्वती के अनुग्रह से उन क्षत्रियों को पुनर्जीवन मिला तथा इस तरह से माहेश्वरी समाज का जन्म हुआ। इसीलिए भगवान महेश एवं माता पार्वती को माहेश्वरी समाज का संस्थापक माना जाता है।
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इस दिन को माहेश्वरी समाज में माहेश्वरी वंशोत्पत्ति दिन के रुप में मनाते हैं और इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है तथा चल समारोह निकाला जाता है। शिवजी के भक्त इस दिन महेश वन्दना का गायन करते हैं। इसी के साथ ही शिव मन्दिरों में भगवान महेशजी की महाआरती का आयोजन किया जाता हैl
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