अनियमित विधानसभा कार्यवाहियों को विधिवत सुनिश्चित करवाने की जिम्मेदारी पूरी क्यों नहीं की जा रही है ? छत्तीसगढ़ का यह प्रश्न अनुत्तरित है क्योंकि… छत्तीसगढ़ विधानसभा कार्यवाहियों में निर्वाचन अपराध के एक ऐसे आरोपी की अनियमित उपस्थिति दर्ज हों रहीं है… जो निर्वाचन अपराध की शिकायत कार्यवाहियों में अपना पक्ष प्रस्तुत करने से भागता फिर रहा है… इसलिए विधानसभा कार्यवाही प्रश्नांकित करने की स्थिति में बनी हुई है पढ़िए गंभीर मामला…
लेखक : अमोल मालुसरे
NCG News desk Durg:-
दुर्ग। छत्तीसगढ़ विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष रमन सिंह ने पाटन विधानसभा सीट के प्रत्याशी के निर्वाचन अपराध के आरोपों को अनदेखा कर दिया है जबकि लिखित शिकायत में स्पष्ट है की अभ्यर्थी भूपेश बघेल ने अनियमित तरीके से स्वयं को निर्वाचित घोषित करवाया है । ऐसे अभ्यर्थी भूपेश बघेल को विशेष महत्व देते हुए अनियमित व अनापेक्षित तौर पर विधानसभा अध्यक्ष महोदय ने संरक्षात्मक सहयोग प्रदान किया है । जिसके कारण छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाहियों में एक ऐसा निर्वाचन आरोपी शामिल हो रहा है जो की निर्वाचन अपराध की शिकायत कार्यवाही और परिवाद प्रकरण कि विधिक चुनौती का सामना कर रहा है । उल्लेखनीय है कि, अभ्यर्थी भूपेश बघेल के निर्वाचन अपराध को विधिक चुनौती दिए जाने के संबंध में विधिवत नोटिस भेजकर विधानसभा अध्यक्ष महोदय को विधि विहित प्रक्रिया में सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख और अमोल मालुसरे द्वारा जानकारी दी गई है। बावजूद इसके विधानसभा अध्यक्ष महोदय ने निर्वाचन अपराध के आरोपी भूपेश बघेल की विधानसभा सदस्यता को अनवर्तता प्रदान किए जाने का विधिक चुनौती पूर्ण निर्णय क्यों ले रखा है ? यह खोज का विषय है ।
निर्वाचन आरोपी को संरक्षण देने वालों की… प्रजातांत्रिक व्यवस्था की अपेक्षा विरुद्ध भूमिका में कौन-कौन है ?
छत्तीसगढ़ विधानसभा में निर्वाचन अपराध कारित करने वाला एक ऐसा आरोपी नियम विरुद्ध तरीके से छत्तीसगढ़ की विधानसभा सदस्यता प्राप्त करने में सफल हो गया है जिसने स्वयं पर लगे निर्वाचन आरोप के विरुद्ध की गई किसी भी शिकायत या परिवाद पर प्रतिक्रिया नहीं दी है और अपना पक्ष नहीं रखा है। उल्लेखनीय है कि निर्वाचन अपराध के आरोपी का नाम भूपेश बघेल है जिसने छत्तीसगढ़ के पाटन विधानसभा क्षेत्र जिला दुर्ग से अनियमित निर्वाचन कार्याचरण से विगत विधानसभा चुनाव में अपनी गैर-विधि-सम्मत जीत घोषित करवाई है लेकिन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ ने अभ्यर्थी भूपेश बघेल के विरुद्ध की गई निर्वाचन अपराध की शिकायत पर विधि निर्देशित कार्यवाही नहीं की है।
छत्तीसगढ़ के विधानसभा सचिव को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ के द्वारा अपने पदेन कर्तव्यों के विधिवत निर्वहन करने की जिम्मेदारी पूरी नहीं की है तथा निर्वाचन अपराध की जानकारी लिखित स्वरूप में अभिप्राप्त होने के बाद भी विधानसभा सचिव ने इस जानकारी को विधानसभा के समक्ष नहीं लाकर एक अक्षम्य पदासीन अपराध किया है । जिसके कारण विधानसभा कार्यवाही को प्राश्नांकित करने की परिस्थिति निर्मित हो गई है ।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के सचिव का गड़बड़ी पूर्ण कार्य व्यवहार के संबंध में लिखित तौर पर नोटिस करके संज्ञान में लगाया गया है लेकिन प्रतिक्रिया अप्राप्त है ?
पाटन विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रत्याशी भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष और सचिव के माध्यम से नोटिस भेजकर अभ्यर्थी भूपेश बघेल के विरुद्ध लगाए गए निर्वाचन अपराध के आरोप के बारे में सूचित किया गया है जिस पर अभ्यर्थी भूपेश बघेल ने नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया विधि सम्मत समय अवधि में नहीं देकर स्वयं द्वारा कारित किए गए निर्वाचन अपराध की स्वीकृति दे दी है इस वस्तुस्थिति की जानकारी छत्तीसगढ़ के विधानसभा सचिव को होने के बाद भी विधानसभा सचिव ने अभ्यर्थी भूपेश बघेल के निर्वाचन अपराध से संबंधित जानकारी को विधानसभा की कार्यवाहियों में नहीं लाकर अपने पदेन कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया है । परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाहियां विधिक दृष्टिकोण से प्रश्नांकित करने की स्थिति में है और विधिक चुनौती देने की परिस्थिति निर्मित हो रहीं है ।
विधानसभा अध्यक्ष रमण सिंह महोदय के माध्यम से अभ्यर्थी भूपेश बघेल को भेजी गई नोटिस की पीडीएफ प्रति ये है 👇👇👇
अभ्यर्थी भूपेश बघेल ने भी इस आपत्ति पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है । ऐसा क्यों ?
खामोश क्यों है… भूपेश बघेल..?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पंजीकृत डाक से प्रेषित की गई नोटिस का जवाब और प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नहीं दी जिसके बाद नोटिस पर संज्ञान लेकर संभाग आयुक्त न्यायालय दुर्ग के द्वारा कलेक्टर दुर्ग से जांच करवाने के लिए निर्देश दिए गए थे बावजूद इसके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नोटिस का जवाब नहीं दिया और संविक्षा कार्यवाही के दौरान अभ्यर्थी भूपेश बघेल के शपथ पत्र में नोटिस विषय पर की गई आपत्ति पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी । अतः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भूमिका जांच कार्यवाही में प्रश्नांकित करने वाली है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नोटिस विषय पर प्रतिक्रिया करके वस्तुस्थिति स्पष्ट करने की मंशा नहीं रखते है।
चुनाव और… लोकतांत्रिक व्यवस्था का संबंध
चुनाव या निर्वाचन, लोकतंत्र शासन व्यवस्था की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है । जिसके द्वारा जनता (लोग) अपने प्रतिनिधियों को चुनती है। चुनाव के द्वारा ही आधुनिक लोकतंत्रों के लोग विधायिका (और कभी-कभी न्यायपालिका एवं कार्यपालिका) के विभिन्न पदों पर आसीन होने के लिये व्यक्तियों को चुनते हैं। भारतीय संविधान के भाग 15 में अनुच्छेद 324 से अनुच्छेद 329 तक निर्वाचन की व्याख्या की गई है। अनुच्छेद 324 निर्वाचनों का अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना बताता है। संविधान ने अनुच्छेद 324 में ही निर्वाचन आयोग को चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी दी है। उल्लेखनीय है कि, निष्पक्ष और व्यक्ति विशेष को महत्व नहीं देने वाली निर्वाचन व्यवस्था लोकतंत्र को मजबूत बनाती है लेकिन छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में रिटर्निग अधिकारी पाटन ने अपने पदेन कर्तव्य को पूरा करते हुए संविक्षा कार्यवाही को विधि अपेक्षित प्रक्रिया में पूरा नहीं किया है । जिसे विधिक तौर पर चुनौती देना नागरिक जिम्मेदारी है । जिसका निर्वहन प्रेस विज्ञप्तिजारीकर्ता कर रहें है ।
नोट :- इस लेख के विषयवस्तु पर किसी को दाव-आपत्ति हो तो उनका अमोल मालुसरे सहर्ष स्वागत करता है सक्षम न्यायालय में याचिका दायर कर अमोल मालुसरे को पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर अवश्य दें । Mo 9752396665