वायु प्रदूषण: जीवनदायिनी वायु का संरक्षण क्यों है आवश्यक?
हमारी वसुंधरा पर जीवन को सतत बनाए रखने में वायु का अहम योगदान है। यह अदृश्य तत्व हमें जीवन दान देती है, लेकिन दुर्भाग्यवश, हम मनुष्य इस अमूल्य वायु को प्रदूषित करने की गंभीर भूल कर रहे हैं। वायुमंडल के संरक्षण के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर गौर करना अत्यंत आवश्यक है।
वायुमंडल: पृथ्वी का सुरक्षा कवच
वायुमंडल पृथ्वी के चारों ओर एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है। इसमें विभिन्न परतें शामिल हैं, जिनमें सबसे निम्नतम परत क्षोभमंडल है, जो हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्षोभमंडल लगभग 12 किलोमीटर घना होता है, जबकि समताप मंडल 50 किलोमीटर तक फैला होता है। इसमें सल्फेट की एक परत होती है जो बारिश के लिए महत्वपूर्ण है, और ओजोन परत भी शामिल है, जो पराबैंगनी किरणों से हमें बचाती है। वायुमंडल की यह जटिल और गतिशील प्रणाली अगर बाधित होती है, तो इसका असर पूरे मानव जाति पर पड़ता है।
वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण
वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोतों में औद्योगिकीकरण की गतिविधियाँ प्रमुख भूमिका निभाती हैं। उद्योगों से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य जहरीली गैसें वायुमंडल को गंभीर रूप से प्रदूषित करती हैं। कार्बन डाइऑक्साइड के बढ़ते स्तर से वायुमंडल में ‘ग्रीनहाउस प्रभाव’ उत्पन्न होता है, जो ग्लोबल वार्मिंग का प्रमुख कारण है।
धुंध (स्मॉग): वायु प्रदूषण का स्पष्ट संकेत
जीवाश्म ईंधन के दहन से उत्पन्न धुएं और कणों के कारण वायुमंडल में धुंध (स्मॉग) की समस्या उत्पन्न होती है। विशेषकर ठंड के मौसम में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है, जिससे दृश्यता में कमी आती है। स्मॉग वायु प्रदूषण का एक प्रमुख संकेतक है।
वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम, 1981
भारत में वायु प्रदूषण के निवारण, नियंत्रण और रोकथाम के लिए वर्ष 1981 में वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम लागू किया गया। इस अधिनियम के तहत राज्य सरकारों को वायु प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्र घोषित करने और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की शक्ति दी गई है।
शासन की आवश्यक कार्यवाही
वर्तमान में, सरकारें वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्यवाही कर रही हैं। वैश्विक स्तर पर भी वायु को प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्रयास जारी हैं। अधिनियम के अनुसार, राज्य सरकारें विभिन्न क्षेत्रों में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए आवश्यक निर्देश जारी कर सकती हैं और संबंधित अधिकारियों को इसके अनुपालन के लिए बाध्य कर सकती हैं।
वायुमंडल के संरक्षण की आवश्यकता
वायुमंडल के संरक्षण के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना आवश्यक है। वायु प्रदूषण न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसलिए, वायुमंडल की शुद्धता बनाए रखना हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
वायुमंडल का संरक्षण हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करेगा।