पुलिस की निष्क्रियता पर जनता का आक्रोश, गुरुर में धरना प्रदर्शन
बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गुरुर में एक पत्रकार पर हुए जानलेवा हमले के मामले में पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। FIR दर्ज होने के बावजूद, हमलावर अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, जिससे पुलिस की भूमिका पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं। कई दिनों बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी न होने के कारण लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।पत्रकार पर जानलेवा हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी: FIR के बावजूद इंसाफ क्यों नहीं?
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पत्रकार संगठनों और जनता का धरना प्रदर्शन
इस घटना के विरोध में पत्रकार संगठनों और जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी ने गुरुर में धरना प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में लोगों ने थाना घेराव करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने रास्ते में ही उन्हें रोक लिया। धरना स्थल पर जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल और वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला ने संबोधित करते हुए, पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की।पत्रकार पर जानलेवा हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी: FIR के बावजूद इंसाफ क्यों नहीं?
घटना की पृष्ठभूमि: पत्रकार पर हुआ था प्राणघातक हमला
मामला 30 जुलाई 2024 का है, जब ग्राम परसुली निवासी आदिवासी पत्रकार विनोद नेताम पर गुरुर में जानलेवा हमला किया गया था। हमलावरों ने पहले विनोद नेताम को कार में जबरदस्ती बिठाया और फिर उन्हें पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा के कार्यालय में ले जाकर मारपीट की। इस हमले में विनोद नेताम के सिर पर गंभीर चोट आई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। घटना के बावजूद, गुरुर थाना प्रभारी तूल सिंह पट्टावी ने आरोपियों को गिरफ्तार करने में कोई तत्परता नहीं दिखाई।पत्रकार पर जानलेवा हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी: FIR के बावजूद इंसाफ क्यों नहीं?
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आरोपियों को गिरफ्तारी से बचाने की साजिश?
जानकारी के अनुसार, गुरुर थाना प्रभारी तूल सिंह पट्टावी ने जानबूझकर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया, ताकि वे कोर्ट से अग्रिम जमानत ले सकें। यह साजिश सफल भी हुई, और मुख्य आरोपी पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा ने कोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली। इससे जनता में पुलिस की निष्क्रियता और पक्षपात को लेकर भारी नाराजगी है।पत्रकार पर जानलेवा हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी: FIR के बावजूद इंसाफ क्यों नहीं?
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धरना प्रदर्शन के बाद पुलिस का आश्वासन
धरना प्रदर्शन के बाद, पुलिस के आला अधिकारियों ने पत्रकारों और जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी के नेताओं से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। इसके बाद मामला फिलहाल ठंडा हुआ, लेकिन जनता की नजरें अब भी पुलिस की कार्यवाही पर टिकी हुई हैं।पत्रकार पर जानलेवा हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी: FIR के बावजूद इंसाफ क्यों नहीं?
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पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर बढ़ते हमलों से पत्रकार समाज में भय का माहौल व्याप्त है। वरिष्ठ पत्रकारों ने इसे राज्य में कानून व्यवस्था की नाकामी का प्रतीक बताया और सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। यह घटना राज्य में सुशासन पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है, जहां लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की सुरक्षा खतरे में है।पत्रकार पर जानलेवा हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी: FIR के बावजूद इंसाफ क्यों नहीं?
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इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से जनता में असंतोष और पुलिस पर अविश्वास की भावना बढ़ी है। यदि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो विरोध और भी उग्र हो सकता है, जिससे राज्य की कानून व्यवस्था पर और भी गंभीर सवाल उठ सकते हैं।