गेवरा खदान में बाइक पर बैन, चेकपोस्ट पर हंगामा, जानें क्यों लिया गया ये बड़ा फैसला?
मुख्य बातें:
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कोरबा स्थित SECL की गेवरा खदान में दोपहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
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अचानक लागू हुए नियम से गुरुवार रात चेकपोस्ट पर लंबा जाम लगा और श्रमिकों ने नाराजगी जताई।
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खदान के भीतर सुरक्षा कारणों को इस प्रतिबंध की सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है।
कोरबा: गेवरा खदान में बाइक पर बैन, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की विशाल गेवरा खदान में गुरुवार रात उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब ड्यूटी पर जा रहे ठेका श्रमिकों को दोपहिया वाहनों के साथ खदान में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इस अचानक हुई कार्रवाई के कारण श्रमिक चौक स्थित गेवरा चेकपोस्ट पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और घंटों तक जाम की स्थिति बनी रही।
क्यों लगा अचानक प्रतिबंध? चेकपोस्ट पर मचा हड़कंप
जानकारी के अनुसार, चेकपोस्ट पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों ने प्रबंधन के आदेश का पालन करते हुए बाइक सवार श्रमिकों को खदान क्षेत्र में जाने से मना कर दिया। इससे श्रमिकों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। गेट पर रोके जाने से नाराज कई श्रमिकों का कहना था कि उन्हें इस नए नियम के बारे में पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। गेवरा खदान में बाइक पर बैन
प्रबंधन ने पहले ही दिए थे निर्देश, लेकिन क्या है असली वजह?
SECL प्रबंधन के सूत्रों के अनुसार, यह फैसला अचानक नहीं लिया गया है। करीब एक सप्ताह पहले ही प्रबंधन ने सभी निजी ठेका कंपनियों के साथ बैठक कर यह स्पष्ट निर्देश दे दिया था कि खदान परिसर में सुरक्षा कारणों से दोपहिया वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। गेवरा खदान में बाइक पर बैन
इस प्रतिबंध के पीछे की सबसे बड़ी वजह खदान के भीतर भारी वाहनों (HEMM) की आवाजाही और दुर्घटनाओं के खतरे को कम करना है। खदान के अंदर डंपर और बड़े ट्रकों के बीच दोपहिया वाहन चलाना बेहद जोखिम भरा होता है, और इसी को ध्यान में रखते हुए यह कड़ा कदम उठाया गया है। गेवरा खदान में बाइक पर बैन
श्रमिकों की बढ़ी परेशानी, ठेकेदारों पर सवाल
भले ही प्रबंधन ने यह फैसला सुरक्षा के लिए लिया हो, लेकिन इसके लागू होने के तरीके ने श्रमिकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उनका कहना है कि अगर यह आदेश पहले से था, तो उनकी कंपनियों या ठेकेदारों ने उन्हें समय पर सूचित क्यों नहीं किया? अचानक रोके जाने से न केवल उनका समय बर्बाद हुआ, बल्कि काम पर पहुंचने में भी देरी हुई। गेवरा खदान में बाइक पर बैन
इस घटना ने एक बार फिर प्रबंधन, ठेकेदारों और श्रमिकों के बीच संवाद की कमी को उजागर किया है। फिलहाल, इस प्रतिबंध के बाद श्रमिक अपने कार्यस्थल तक कैसे पहुंचेंगे, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। गेवरा खदान में बाइक पर बैन