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रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ी गई महिला थाना प्रभारी, सवालो के कटघरे में महिला TI
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रिश्वत लेते पकड़ी गई महिला टीआई को SSP ने किया सस्पेंड
रायपुर। प्रदेश की राजधानी में महिला थाने में पदस्थ TI वेदवंती दरियो को ACB द्वारा ट्रैप किए जाने के बाद सस्पेंड कर दिया गया है। 5 जुलाई की देर शाम छत्तीसगढ़ एसीबी की टीम ने महिला टीआई को 20 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। जांच और पूछताछ के बाद, देर रात TI को गिरफ्तार कर एसीबी की टीम अपने साथ ले गई। आज कोर्ट में पेश करने के बाद महिला निरीक्षक को रिमांड पर भेज दिया गया है। इस मामले में एसएसपी संतोष सिंह ने आदेश जारी कर निरीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
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रायपुर में महिला थाना प्रभारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद निलंबित कर दिया गया है। इस घटना ने छत्तीसगढ़ में पुलिस की कार्यप्रणाली पर फिर से सवाल खड़ा कर दिया है। उच्च स्तर पर, पुलिस प्रशासन के द्वारा आम जनता का विश्वास जीतने की बार-बार रणनीति बनाई जाती है, लेकिन ऐसे प्रकरण सामने आते हैं तो सारी रणनीति फिर से फेल हो जाती है। अभी भी सामान्य धारणा है कि आम नागरिक, पुलिस से हर हालत में दूर रहना चाहता है और पुलिस प्रशासन से दूरी बनाए रखने की कोशिश करता है।
पीड़ित लोग अपनी पीड़ा सह लेते हैं, लेकिन पुलिस में शिकायत करने नहीं जाना चाहते। यह भी धारणा बनी हुई है कि पुलिस विभाग उन्ही अपराधियों के खिलाफ ही कार्रवाई करता है, जो कि उनके संरक्षण में काम नहीं कर रहे होते हैं। पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी परिस्थितियों में बदलाव लाने की कोशिश करते हैं, और इसके लिए बार-बार तमाम तरह के प्रयास किए जाते हैं। “पुलिस-आम जनता की मित्र”, “पुलिस मित्र” जैसे अभियान चलाए जाते हैं। नए पुलिस कप्तान जब जिले में आते हैं, तो ऐसे अभियानों को तेजी से बढ़ावा दिया जाता है। लेकिन इन अभियानों की धमक कुछ दिन ही रहती है और फिर सारी व्यवस्थाएं अपने पुराने ढर्रे पर चलने लगती हैं।
आजकल गृह क्लेश के प्रकरण बढ़ते जा रहे हैं। महिला थानों में गुहार लगाने पहुंचने वाले पीड़ितों की हर दिन भारी भीड़ दिखाई देती है, जिसमें पीड़ित महिलाओं की संख्या भी बहुत अधिक होती है। ये महिलाएं अपने पति अथवा ससुराल पक्ष के सदस्यों द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत लेकर पहुंचती हैं। महिला थाना में पहुंचने वाली पीड़ित महिलाओं को उम्मीद रहती है कि उनकी समस्याओं का निराकरण हो सकेगा। लेकिन इन्हीं महिला थानों में रिश्वत मांगे जाने की शिकायतें आ रही हैं।
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रिश्वत लेते पकड़े जाने पर विभाग द्वारा निलंबन की कार्रवाई की गई है, लेकिन यह कोई बहुत खुशी देने वाली खबर नहीं है। इससे पता चलता है कि कई विभागों में लोग दीमक की तरह घुस गए हैं और अपने जिम्मेदारी को निभाने के बजाय केवल अपनी जेब भरने में लगे हैं। एक मामला उजागर हो गया और रंगे हाथों पकड़ लिया गया, लेकिन इससे पूरी व्यवस्था में बड़ा सुधार हो जाएगा, ऐसा नहीं कहा जा सकता। पुलिस विभाग तो वैसे ही वर्षों से भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझता रहा है।
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छत्तीसगढ़ राज्य में नई सरकार बनी है और आम जनता ने पिछली सरकार की कार्यप्रणाली के खिलाफ मतदान कर नई सरकार बनाई है। इस सरकार के ऊपर आम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। राज्य में युवा गृह मंत्री ने पुलिस प्रशासन को सजग और सतर्क बनाने के लिए नई मुहिम शुरू की है, जिसे एक बड़े वर्ग द्वारा पसंद भी किया जा रहा है।
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महिला थाना प्रभारी को रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ा गया है, और इसमें सच्चाई का फैसला न्यायालय के समक्ष होगा। गृह क्लेश के प्रकरण बढ़ रहे हैं और महिला थानों में पीड़ित और आरोपी पक्षकारों की भीड़ बढ़ती जा रही है। लोग एक-दूसरे को नीचा दिखाने और खुद जीतने की कोशिश में लगे रहते हैं, जिससे परिवार और समाज की भावना टूट रही है।
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महिला थाना प्रभारी का रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ा जाना एक बड़ी घटना है और इसे जितनी निंदा की जाए, कम है। ऐसी घटनाएं सामने आने पर पुलिस प्रशासन का आम जनता का विश्वास जीतना मुश्किल हो जाएगा। पुलिस मित्र के अभियान शुरू होंगे, कुछ दिन चलेंगे और फिर खुद ही खत्म हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में कोई भी सरकार बने, उसके लिए व्यवस्थाओं को सुधार पाना आसान नहीं होगा।