प्रधानमंत्री आवास योजना में खंभा बन रहा है रुकावट
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक महिला को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपने घर का सपना पूरा करने में बड़ी मुश्किलें आ रही हैं। दरअसल, महिला की जमीन पर बिजली विभाग ने खंभा लगा दिया है, जिससे उसका घर बनवाना मुमकिन नहीं हो पा रहा। अब महिला को इस खंभे को हटवाने के लिए बिजली विभाग और कलेक्टर के चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा है। बिजली विभाग की लापरवाही से महिला की मुश्किलें बढ़ीं, 6 लाख रुपए की मांग पर उठे सवाल
क्यों मांग रहे हैं 6 लाख रुपए?
दुर्ग के मोहन नगर क्षेत्र की निवासी अष्टशिला वासनिक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपने खुद के घर के लिए आवेदन कर चुकी हैं। लेकिन उनके जमीन पर लगे बिजली के खंभे ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अष्टशिला के अनुसार, बिजली विभाग ने उनके निजी प्लॉट में खंभा गाड़ दिया था और अब उस खंभे को हटाने के लिए 6 लाख रुपए की मांग की जा रही है। बिजली विभाग की लापरवाही से महिला की मुश्किलें बढ़ीं, 6 लाख रुपए की मांग पर उठे सवाल
आवेदन के बाद भी कोई सुनवाई नहीं
महिला ने बताया कि वह पिछले एक साल से बिजली विभाग और कलेक्टर के दफ्तर के चक्कर काट रही हैं, लेकिन अब तक किसी भी विभाग ने उनकी मदद नहीं की। अष्टशिला का कहना है कि अगर उसके पास इतने पैसे होते, तो वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए आवेदन क्यों करती? बिजली विभाग की लापरवाही से महिला की मुश्किलें बढ़ीं, 6 लाख रुपए की मांग पर उठे सवाल
महिला की मुश्किलें और विभाग की सफाई
अष्टशिला वासनिक ने बताया कि वह स्कूल में प्यून के रूप में काम करती हैं और उन्हें हर महीने 2000 रुपए की मासिक वेतन मिलती है। उनके पति कबाड़ का काम करते हैं और उनका परिवार किराए के मकान में मुश्किल से गुजर बसर कर रहा है। इस स्थिति में बिजली विभाग से 6 लाख रुपए की मांग करना उनके लिए असंभव है।
बिजली विभाग ने महिला के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि महिला ने आवेदन तो दिया था, लेकिन उसने जरूरी दस्तावेज नहीं दिए। विभाग ने यह भी कहा कि 6 लाख रुपए की मांग करने का कोई सवाल नहीं है और उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। बिजली विभाग की लापरवाही से महिला की मुश्किलें बढ़ीं, 6 लाख रुपए की मांग पर उठे सवाल