NCG NEWS DESK Bastar :-
देश में लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। वहीं छत्तीसगढ़ में भी आम चुनाव की तैयारियां तेज है। प्रदेश में सबसे पहले 19 अप्रैल को बस्तर लोकसभा सीट के लिए मतदान होना है। यहां भाजपा ने महेश कश्यप को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने कवासी लखमा को मैदान में उतारा है। वहीं बस्तर लोकसभा सीट में जीत और हार के बीच महिलाओं का बड़ा रोल देखने को मिल सकता है। अब तक हुए चुनाव में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत साल दर साल बढ़ता जा रहा है।
बस्तर में गेम चेंजर बनेंगी महिला वोटर
बस्तर को आदिवासियों का गढ़ भी कहा जाता है, यहां 1952 से लेकर अब तक जनता ने कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा पर भरोसा जताया है। इस लोकसभा सीट में शुरू से ही महिलाएं गेम चेंजर बनी है। बस्तर में महिलाओं का वोट निर्णायक वोट माना जाता है। आंकड़े बताते हैं कि यहां हर साल महिलाएं सांसद चुनकर लोकसभा में भेजती है। यहां पुरुषो से ज्यादा महिला मतदाता हैं।
बस्तर में हमेशा से आदिवासी नेताओं का दबदबा रहा है। चाहे वे किसी भी पार्टी से हो बस आदिवासी होना चाहिए। बस्तर सीट के इतिहास के पन्नों को पलट कर देखा जाए तो यहां की जनता ने क्षेत्रीय दल पर भी खूब प्यार लुटाया है। बस्तर की जनता का मूड समझने के लिए यहां के प्रत्याशी और नेताओं को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
अविभाजित मध्य प्रदेश के दौरान बस्तर लोकसभा सीट से कई बार निर्दलीय प्रत्याशी ने चुनाव में जीत हासिल की है। लेकिन बदलते समय के साथ आदिवासी मतदाताओं ने क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों से भरोसे को कम करते हुए राष्ट्रीय पार्टियों पर ज्यादा भरोसा जताया। इस लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा बार कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे हैं तो वहीं भाजपा 5 बार बस्तर लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रही है। हालांकि भाजपा के लगातार जीत के सिलसिले को तोड़ते हुए कांग्रेस पार्टी ने साल 2019 के लोकसभा के चुनाव में बस्तर में वापसी की।
महतारी वंदन योजना का पड़ेगा असर?
बता दें कि भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टी महिलाओं को साधने में लगी हुई है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र के मुताबिक महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना की शुरुआत कर दी है। जिससे महिलाओं के खाते में एक हजार रूपए आ रही है। वहीं दूसरी ओर महालक्ष्मी नारी न्याय गारंटी योजना के माध्यम से कांग्रेस महिलाओं को आर्थिक सहायता देने की बात कह रही है। ये दोनों योजनाएं महिलाओं के लिए है। जिसका सीधा असर लोकसभा चुनाव में पड़ेगा।
14 लाख से ज्यादा मतदाता करते हैं मतदान
बस्तर में कुल मतदाताओं की संख्या 14 लाख 66 हजार 337 मतदाता हैं। इसके अलावा साल 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले बस्तर सीट में 1 लाख 54 हजार नए मतदाताओं को जोड़ा गया है। बस्तर सीट से महिला और पुरुष मतदाताओं की बात करें तो बस्तर में महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख 68 हजार 88 है। वहीं पुरुष मतदाताओं की संख्या 6 लाख 98 हजार 197 है। इसके अलावा इस बार थर्ड जेंडर के 52 मतदाता शामिल हैं।
1971 से 2019 लोकसभा के आकड़ें
साल 1971 से लेकर साल 2019 तक हुए लोकसभा चुनाव की अगर बात करें तो 1971 में हुए चुनाव के दौरान बस्तर लोकसभा सीट में पुरुष मतदाताओं की संख्या 235262 और महिला मतदाता 243787 है। 1977 के लोकसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 243581 और महिला मतदाता 251924 है। 1980 के लोकसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 249145 और महिला मतदाता 256671 है।
1984 के लोकसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 288776 और महिला मतदाता 301754 है। 1989 के लोकसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 372029 और महिला मतदाता 379267 है। 1991 के लोकसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 376975 और महिला मतदाता 383930 है। 1996 के लोकसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 456828 और महिला मतदाता 466580 है।
1998 के लोकसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 458946 और महिला मतदाता 472422 है। 1999 के लोकसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 472755 और महिला मतदाता 481650 है। 2004 के लोकसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 507521 और महिला मतदाता 531921 है। 2009 के लोकसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 583406 और महिला मतदाता 609710 है।
2014 के लोकसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 632842 और महिला मतदाता 665241 है। 2019 के लोकसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 663409 और महिला मतदाता 715672 है।
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