NCG NEWS DESK Raipur :-
टिकट खरीदते वक्त चिल्हर की समस्या अब जल्द आने वाले दिनों में दूर होने वाली है। डिजिटल इंडिया विजन को बढ़ावा देने के लिए अब रेलवे कैशलेस भुगतान पर जोर देने जा रहा है। अब आने वाले दिनों में आप UPI के जरिए रेलवे के काउंटर से टिकट का भुगतान का पाएंगे।
इसके लिए रेलवे अपने सभी टिकट काउंटर पर क्यूआर कोड लगाएगा। जनरल व आरक्षित टिकट लेने के लिए यह व्यवस्था 1 अप्रैल से रायपुर रेलमंडल समेत देशभर के सभी 68 रेलमंडलों में शुरु करने की तैयारी है। इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने सभी मंडलों को मार्च के अंत तक तैयारी करने के निर्देश भी दे दिए हैं।
बता दें कि, रेलवे ने यात्रियों को क्यूआर कोड से भुगतान की सुविधा वैकल्पिक तौर पर दी है। मौजूदा समय में रेलवे के टिकट काउंटर पर केवल कैश और कार्ड से भुगतान की सुविधा है।
गौरतलब है कि, सुविधा शुरू होने के बाद रेलवे इसकी मॉनेटिरिंग भी करेगा कि इस व्यवस्था से यात्रियों को लाभ हो रहा है या फिर नहीं। व्यवस्था बिगड़ने पर इसे बंद भी किया जा सकता है।
इस तरह से खरीद सकेंगे टिकट
इस सुविधा का लाभ लेने के लिए यात्रियों को रेलवे के काउंटर पर जाकर जिस जगह के लिए जनरल टिकट चाहिए, वह बताना होगा। इसके अलावा ट्रेन संबंधी जानकारी भी देनी होगी। इसके बाद काउंटर पर बैठा कर्मचारी सिस्टम में दिए फॉर्मेट को भरकर टिकट बनाएगा। पेमेंट के विकल्प में जाकर क्यू का बटन दबाना होगा। जब यह प्रक्रिया हो जाएगी, उसके बाद यात्री को क्यूआर कोड स्कैन कर भुगतान करना होगा। भुगतान के बाद जैसे ही यात्री मोबाइल पर भुगतान दिखाएगा, रेलकर्मी प्रिंट का बटन दबा देंगे। भुगतान की जानकारी आटोमेटिक सिस्टम में आ जाएगी। यदि भुगतान नहीं हुआ है, तब टिकट का प्रिंट नहीं निकलेगा।
लंबी लाइन से मिलेगी मुक्ति
रायपुर, बिलासपुर रेलमंडल के टिकट काउंटरों पर इस सुविधा को आरंभ कराने कमर्शियल विभाग तैयारी कर रहा है। विभाग ने सभी आरक्षण केंद्र प्रभारी को इस संदर्भ में तैयारी और इसमें आने वाली समस्याओं को समीक्षा करने कहा गया है। बता दें कि अभी रेलवे के जनरल टिकट काउंटर में हर दिन लंबी कतार लगना आम बात है। कई बार यात्री के पास चिल्हर पैसे नहीं होते और टिकट काउंटर पर तैनात कर्मचारी के ज्यादा पैसे लेने की शिकायतें भी सामने आती रहती हैं।
ट्रेन छूट जाने के डर से यात्री इसका विरोध भी नहीं करता। यही हालत आरक्षण केंद्र में होती है। रायपुर रेलमंडल में ही 20 से ज्यादा आरक्षण केंद्र है तो वहीं जनरल के काउंटर की संख्या भी इससे ज्यादा है। यहां पर 24 घंटे में करोड़ों का कैश आता है, जिसे एकत्र करने, गिनने और फिर उसे बैंक तक पहुंचाने में ही कई कर्मचारी लगते हैं।
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