रायपुर

छत्तीसगढ़ के शहरों पर 1000 करोड़ का बिजली बिल, अब ‘एनर्जी ऑडिट’ से कसेगी नकेल

छत्तीसगढ़ के शहरों पर 1000 करोड़ का बिजली बिल, अब ‘एनर्जी ऑडिट’ से कसेगी नकेल

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रायपुर: छत्तीसगढ़ के शहरों पर 1000 करोड़ का बिजली बिल, प्रदेश के नगरीय निकायों पर चढ़े 1000 करोड़ रुपए के भारी-भरकम बिजली बिल के बोझ को कम करने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य के सभी 184 नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों का ‘एनर्जी बिल ऑडिट’ कराया जाएगा। इस ऑडिट का मकसद बिजली की वास्तविक खपत का पता लगाना, फिजूलखर्ची रोकना और लगातार बढ़ते सरचार्ज से छुटकारा पाना है।

क्यों पड़ी ऑडिट की जरूरत?

प्रदेश के शहरी निकायों की आर्थिक स्थिति बिजली के बिल के कारण चरमरा गई है। इन पर बिजली विभाग का लगभग 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया है। सबसे ज्यादा बिजली की खपत पेयजल सप्लाई (पंप, बोरवेल) और स्ट्रीट लाइट में हो रही है। निकायों की आमदनी कम और बिजली का खर्च बहुत ज्यादा है, जिससे विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। ऊपर से, बकाया बिल पर लगने वाला सरचार्ज इस बोझ को और बढ़ा रहा है।छत्तीसगढ़ के शहरों पर 1000 करोड़ का बिजली बिल

नागपुर की कंपनी करेगी जांच

इस बड़ी समस्या से निपटने के लिए सरकार ने नागपुर की ‘डीआर कंसलटेंट’ को एनर्जी ऑडिट का काम सौंपा है। यह कंपनी प्रदेश के सभी 184 नगरीय निकायों के बिजली कनेक्शनों और खपत का बारीकी से विश्लेषण करेगी।छत्तीसगढ़ के शहरों पर 1000 करोड़ का बिजली बिल

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कैसे होगा एनर्जी का ‘X-Ray’?

ऑडिट करने वाली संस्था हर निकाय के तहत आने वाले भवनों, स्ट्रीट लाइट, बोरवेल, वाटर प्यूरीफिकेशन प्लांट और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में बिजली की खपत का विश्लेषण करेगी। इसके लिए सभी बिजली मीटरों का एक GIS आधारित जियोग्राफिकल डेटाबेस तैयार किया जाएगा। इस ‘एनर्जी के एक्स-रे’ से पता चलेगा कि:

  • वास्तविक बिजली की खपत कितनी है?

  • कहां-कहां बिजली की बर्बादी हो रही है?

  • क्या सिस्टम में कोई अनियमितता या कमी है?

इस विश्लेषण के आधार पर कंपनी ऊर्जा बचाने और फिजूलखर्ची कम करने के लिए सुझाव देगी।

सरकार का ‘मिशन मोड’, मांगे गए रिकॉर्ड

इस काम को पूरी गंभीरता से लेते हुए सरकार ने इसे ‘मिशन मोड’ में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) ने सभी निकायों से 25 जुलाई तक अपने सभी बिजली मीटरों की जानकारी एक तय प्रोफार्मा में मांगी है। इसमें वार्ड का नाम, प्रभारी कर्मचारी का विवरण और बिजली कनेक्शन का बीपी नंबर शामिल है। काम की निगरानी के लिए नगर निगमों में नोडल अधिकारी और नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों में सीएमओ को नोडल अधिकारी बनाया गया है।छत्तीसगढ़ के शहरों पर 1000 करोड़ का बिजली बिल

सोलर एनर्जी पर भी फोकस

बिजली बिल पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार का फोकस सोलर एनर्जी पर भी बढ़ रहा है। ऑडिट के सुझावों पर अमल करने और सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने से भविष्य में निकायों पर बिजली के बकाये का भार कम होने की उम्मीद है।छत्तीसगढ़ के शहरों पर 1000 करोड़ का बिजली बिल

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