
नई दिल्ली: देशभर के करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के ‘टर्म्स ऑफ रेफरेंस’ को मंजूरी दे दी है, जिसका अर्थ है कि अब आयोग आधिकारिक रूप से अपना काम शुरू कर देगा। यह आयोग फिटमेंट फैक्टर सहित भत्तों और पेंशन में बदलावों पर अपनी सिफारिशें 18 महीने के भीतर सरकार को सौंपेगा। हालांकि, आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है।
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी, यह मुख्य रूप से ‘फिटमेंट फैक्टर’ पर निर्भर करेगा। आइए जानते हैं कि यह फिटमेंट फैक्टर क्या होता है और यह कैसे काम करता है।सरकारी कर्मचारियों की सैलरी क्या सच में होगी तीन गुना? समझिए फिटमेंट फैक्टर का पूरा गणित
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा मल्टीप्लायर है जिसका उपयोग सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनभोगियों की पेंशन की गणना करने के लिए किया जाता है। यह फैक्टर महंगाई दर, कर्मचारियों की आवश्यकताओं और सरकार की वित्तीय क्षमता जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर तय होता है। सामान्य तौर पर, फिटमेंट फैक्टर जितना अधिक होगा, कर्मचारियों के वेतन में उतनी ही अधिक वृद्धि होगी।सरकारी कर्मचारियों की सैलरी क्या सच में होगी तीन गुना? समझिए फिटमेंट फैक्टर का पूरा गणित
फिटमेंट फैक्टर की गणना कैसे की जाती है?
फिटमेंट फैक्टर की गणना मौजूदा बेसिक सैलरी को संशोधित बेसिक सैलरी से भाग देकर की जाती है। यह हमें बताता है कि नए वेतन ढांचे में वेतन में कितनी वृद्धि हुई है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है और नए वेतनमान में उसकी बेसिक सैलरी 46,260 रुपये हो जाती है, तो फिटमेंट फैक्टर 2.57 (46,260 ÷ 18,000) होगासरकारी कर्मचारियों की सैलरी क्या सच में होगी तीन गुना? समझिए फिटमेंट फैक्टर का पूरा गणित
पिछले वेतन आयोगों में फिटमेंट फैक्टर:
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छठा वेतन आयोग (जनवरी 2006 से लागू): इसमें फिटमेंट फैक्टर 1.86 रखा गया था, जिससे न्यूनतम बेसिक सैलरी 2750 रुपये से बढ़कर 7000 रुपये हो गई थी।
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सातवां वेतन आयोग: इसमें फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। इस फैक्टर के कारण न्यूनतम बेसिक सैलरी 7000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी, और न्यूनतम पेंशन 3500 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये हो गई थी।
इस बार कितना रह सकता है फिटमेंट फैक्टर और क्या सैलरी होगी तीन गुना?
यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है कि आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर कितना होगा। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें करते समय छठे वेतन आयोग द्वारा तय किए गए वेतनमान के ऊपर महंगाई भत्ता (DA) 114% था। जबकि वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों का DA केवल 58% है, और आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने तक यह 61-62% तक पहुंच सकता है।सरकारी कर्मचारियों की सैलरी क्या सच में होगी तीन गुना? समझिए फिटमेंट फैक्टर का पूरा गणित
इस अंतर के कारण, विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर पिछले वेतन आयोगों की तुलना में कम रह सकता है। पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग के अनुसार, नया फिटमेंट फैक्टर लगभग 1.92 रहने की संभावना है। यदि ऐसा होता है, तो आठवें वेतन आयोग में न्यूनतम बेसिक पे 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 34,560 रुपये हो जाएगा।सरकारी कर्मचारियों की सैलरी क्या सच में होगी तीन गुना? समझिए फिटमेंट फैक्टर का पूरा गणित
इसका सीधा सा मतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी के तीन गुना होने की उम्मीदें बेहद कम हैं। हालांकि, आयोग की अंतिम सिफारिशें आने के बाद ही वास्तविक बढ़ोतरी का पता चल पाएगा, लेकिन शुरुआती संकेत यही हैं कि सैलरी में पर्याप्त वृद्धि होगी, लेकिन यह तीन गुना होने की संभावना कम है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अब आयोग की सिफारिशों का बेसब्री से इंतजार है।सरकारी कर्मचारियों की सैलरी क्या सच में होगी तीन गुना? समझिए फिटमेंट फैक्टर का पूरा गणित









