छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की वैधानिकता पर सवाल: राज्य प्रशासनिक सेवा के अभ्यर्थियों के साक्षात्कार पर मंडरा रहे संकट

रायपुर: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की विश्वसनीयता पर विवाद
विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में व्याप्त भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के खिलाफ जोरदार आंदोलन किया था, जिससे सत्ता में वापसी हुई। लेकिन अब उसी आयोग की वैधानिकता और विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा के 703 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 15 अक्टूबर से होना है, लेकिन आयोग की वर्तमान स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएँ उभर रही हैं। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की वैधानिकता पर सवाल: राज्य प्रशासनिक सेवा के अभ्यर्थियों के साक्षात्कार पर मंडरा रहे संकट
आयोग की वैधानिकता पर सवाल क्यों उठ रहे हैं?
जानकारों का मानना है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग का गठन असंवैधानिक तरीके से हुआ है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 316(1) के अनुसार, आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है, और उनमें से आधे से अधिक सदस्यों के पास 10 वर्षों का अनुभव होना चाहिए। वर्तमान में आयोग में 1 अध्यक्ष और 1 सदस्य का पद रिक्त है, और तीन कार्यरत सदस्यों में से दो के पास इस प्रकार का अनुभव नहीं है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की वैधानिकता पर सवाल: राज्य प्रशासनिक सेवा के अभ्यर्थियों के साक्षात्कार पर मंडरा रहे संकट
राजनीतिक नियुक्तियों की भूमिका और वैधानिकता
डॉ. प्रवीन वर्मा और संत कुमार नेताम, दोनों सदस्यों को सरकारी सेवा का कोई अनुभव नहीं है, और उनकी नियुक्तियाँ पूर्ववर्ती सरकार द्वारा की गई थीं। वहीं, सरिता उईके को सिर्फ 10 साल के अनुभव का मानक पूरा करने के लिए योग्य माना गया है। इस प्रकार, आयोग की संरचना संविधान के मापदंडों पर खरी नहीं उतरती, जिससे आयोग के फैसलों की वैधता पर सवाल उठना स्वाभाविक है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की वैधानिकता पर सवाल: राज्य प्रशासनिक सेवा के अभ्यर्थियों के साक्षात्कार पर मंडरा रहे संकट
भ्रष्टाचार के आरोप और सीबीआई जांच का प्रभाव
पूर्व में भाजपा ने आयोग के इन सदस्यों पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोप लगाकर आंदोलन किया था, जिसके चलते सीबीआई जांच चल रही है। अब, जब वही सदस्य आगामी साक्षात्कार के लिए साक्षात्कार बोर्ड का नेतृत्व करने वाले हैं, तो निष्पक्षता और पारदर्शिता पर संदेह और गहरा हो गया है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की वैधानिकता पर सवाल: राज्य प्रशासनिक सेवा के अभ्यर्थियों के साक्षात्कार पर मंडरा रहे संकट
क्या वर्तमान सरकार आयोग की वैधता पर स्पष्ट कर पाएगी अपनी स्थिति?
भाजपा ने चुनावों के दौरान युवाओं का साथ पाकर सत्ता में वापसी की थी, लेकिन सरकार अब तक रिक्त पदों पर नियुक्तियाँ नहीं कर पाई है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या आयोग के अध्यक्ष और सदस्य राजनीतिक नियुक्तियों के बजाय योग्य अनुभवियों से नियुक्त किए जाएंगे? छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की वैधानिकता पर सवाल: राज्य प्रशासनिक सेवा के अभ्यर्थियों के साक्षात्कार पर मंडरा रहे संकट









