छत्तीसगढ़ पीएससी भर्ती घोटाला: 2018-2023 की सभी भर्तियों की रद्द करने और जांच की मांग

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की परीक्षाओं में कथित गड़बड़ियों के चलते 2018 से 2023 तक की सभी भर्तियों को रद्द करने और व्यापक जांच की मांग जोर पकड़ रही है। भाजपा के युवा नेता उज्जवल दीपक ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर राज्य के युवाओं को न्याय दिलाने की अपील की है। छत्तीसगढ़ पीएससी भर्ती घोटाला: 2018-2023 की सभी भर्तियों की रद्द करने और जांच की मांग
मुख्य मांगें:
2018-2023 की सभी भर्तियों की सीबीआई जांच: उज्जवल दीपक ने 2018 से 2023 तक की सभी परीक्षाओं और सरकारी भर्तियों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है, ताकि भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
पीएससी 2021-2022 के परिणाम रद्द करना: उन्होंने पीएससी 2021-2022 के परिणामों को रद्द करने और सभी नियुक्तियों को निरस्त करने की अपील की है, जिससे निष्पक्षता बनी रहे।
सीजीपीएससी के अधिकारियों का नार्को परीक्षण: सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक और भ्रष्टाचार के आरोपों में चयनित अधिकारियों का नार्को परीक्षण कराने की मांग की गई है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी की नियुक्ति की जांच: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बेटी के सहायक प्राध्यापक (वाणिज्य) पद पर चयन की भी जांच की मांग की गई है, जिससे चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर उठे सवालों का समाधान हो सके छत्तीसगढ़ पीएससी भर्ती घोटाला: 2018-2023 की सभी भर्तियों की रद्द करने और जांच की मांग
पृष्ठभूमि:
भाजपा के संकल्प पत्र ‘मोदी की गारंटी’ के अनुसार, पीएससी धांधली की सीबीआई जांच शुरू होने के बाद कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। कांग्रेस शासनकाल में राज्य के युवाओं को पीएससी/व्यापम के अधिकारियों द्वारा संगठित अपराध स्तर की कार्यप्रणाली के माध्यम से धोखा दिया गया है। सभी तथ्य यह संकेत दे रहे हैं कि परीक्षा की पूरी प्रक्रिया में अधिकारियों/राजनेताओं के बच्चों के चयन के लिए धांधली की गई है। छत्तीसगढ़ पीएससी भर्ती घोटाला: 2018-2023 की सभी भर्तियों की रद्द करने और जांच की मांग









