मारपीट के केश में समझौता कराने का दबाव नही मानने पर पीडित लोगों के खिलाफ बना दिया काउंटर केश
बालोद(दुर्ग):- जांच उपरांत दोषी एवं जांचकर्ता पुलिस द्वारा मारपीट के केश में समझौता कराने का दबाव तथा नही मानने पर काउंटर केश बनाया गया जबकि घटना के समय अरुण गॅडरे एवं उमा गेंडरे उपस्थित नहीं थे उनके नाम पर अपराध पंजीबद्ध कर दोषी बनाने वाले जांचकर्ता पुलिस कर्मचारी के द्वारा प्रताड़ित करने के नीयत हे पीडित परिवार के लोगों को परेशान करने का लिखित शिकायत एस पी दुर्ग तथा आई जी दुर्ग रेंज को अपनी घटना का विस्तार पूर्वक शिकायत कुछ इस तरह कर न्याय की गुहार लगाई है की दिनांक 02. मार्च 2025 को शाम 05:00 बजे मेरा दादाजी केजू राम गेंडरे घर के पास नीम पेड. को काट रहा था जिसे मैं बुजुर्ग आदमी है पेड़ काटकर मेहनत मत करो बरसात के समय तबियत खराब हो गया था बोला तो मेरा छोटा चाचा दयालदास गेंडरे मुझे बोलने लगा मेरा पिताजी है मैं कुछ भी काम करने बोलू तुझे क्या मतलब है बोलने लगा मैं अपने चाचा को बोला मेरा भी दादाजी है बोलने पर तु ज्यादा बात कर रहा है मेरे लडका को आने दे मैं तेरे को पिटवाता हूं बोलने लगा थोडी देर बाद मेरे चाचा का लड़का शैलेंद्र कुमार गॅडरे आया मैं घर के सामने रोड पर बरगद पेड के पास बैठा था मुझे मां बहन की गंदी गंदी गाली गलौच करते हुए मेरे साथ मारपीट करने लगे उसी समय उसके पिता दयालदास गेंडरे उसकी मां परनिया गेंडरे उसकी बहन सरोजनी गेंडरे आ गये और चारो मिलकर मुझे मां बहन की गंदी गंदी गालियां देने लगे जो मुझे सुनने में काफी बुरा लग रहा था एवं मारने पीटने की धमकी देते हुए हाथ मुक्का से मारपीट किया जिससे मुझे दांए बांए आंख के पास दोनो हाथ, गर्दन में चोट लगा है। घटना को मेरी बहन स्वेता छुडायी है।
जिसे आस पास के लोग देखे सुने है मैं अपनी मां उमा गेंडरे और पिता अरुण गेंडरे को घटना बताया हूं, मेरी मां उमा गेंडरे और पापा अरुण गॅडरे घटना के समय भिलाई में थे उनके भी खिलाफ में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी बना दिरा गया जो की पुलिस कर्मचारी के पद क दुर्प्रयोग को दर्शाता है पद पाने के पहले भारतीय संविधान की शपथ लेकर जो कपट और छल के साथ कार्य करेगा तो आम नागरिकों का क्या होगा यह एक बडा सवाल है एस पी दुर्ग को लिखित शिकायत करते हुए कुम्हारी पुलिस जो जांचकर्ता है जिनका नाम जद शिकायत किया जिसमें (सी सुभाष बोरकर बैच नंबर 833) के द्वारा मामले पर समझौता करने हेतु पैसा देने एवं नहीं मानने पर तुम्हारे खिलाफ में अपराध पंजीबद करने की धमकी देते हुए अपराध पंजीबद्ध कर दिया गया और जांचकर्ता सुभाष बोरकर बैच नंबर 833 द्वारा कहा गया कि रिपोर्ट को वापस ले लो कुछ पैसे विपक्षी पार्टी से दिलवा दूंगा नहीं तो आपके व आपकी मम्मी पापा जो घटना के समय नहीं थे उनका भी नाम रिपोर्ट में दर्ज कर दूंगा लेकिन हम नहीं माने फलस्वरूप जांच करता पुलिस सुभाष बोरकर ने रिपोर्ट में मम्मी पापा का नाम भी दर्शाया बिना जांच किए और यह भी सजेस्ट किया कि तुम्हारे पाप तो नौकरी पेशा व्यक्ति है उनको परेशान कर दूंगा समझौता कर लो मैं उस पक्ष से आपको पैसे दिलवाऊंगा बोलकर दबाव बनाने वाले पुलिस कर्मचारी एवं दोषियों पर कडी कार्यवाही की मांग रखी है।









