गरियाबंद आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा: 13 नियुक्तियां होंगी रद्द, चयन समिति पर गिरेगी गाज!

गरियाबंद आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा: 13 नियुक्तियां होंगी रद्द, चयन समिति पर गिरेगी गाज!
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छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती प्रक्रिया में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। देवभोग ब्लॉक में हुई इन नियुक्तियों में गंभीर अनियमितताएं सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाए जाने के बाद अब इन नियुक्तियों को रद्द करने और दोषी चयन समिति के सदस्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी है।गरियाबंद आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा
जांच में हुआ बड़ा खुलासा: 24 में से 13 नियुक्तियां संदिग्ध
मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया गया। समिति की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए:गरियाबंद आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा
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देवभोग ब्लॉक में कुल 24 आंगनबाड़ी सहायिका पदों पर भर्ती हुई थी।
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इनमें से 13 पदों पर की गई नियुक्तियों में गंभीर गड़बड़ियां पाई गईं।
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विसंगतियों के मुख्य बिंदु:
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एक ही चयन प्रक्रिया के बावजूद अलग-अलग नियुक्ति आदेश जारी करना।
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मूल्यांकन रजिस्टर और अंतिम चयन सूची में दर्ज अंकों में भारी अंतर।
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ग्रेडिंग के लिए निर्धारित मापदंडों से हटकर अंक देना।
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नियमों की अनदेखी और फर्जीवाड़ा: अपात्रों को मिली नौकरी
जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि 13 केंद्रों पर अपात्र उम्मीदवारों को नियमों को ताक पर रखकर नियुक्ति दे दी गई। इसे फर्जी दस्तावेजों (कूटरचना) के आधार पर लाभ पहुंचाने का स्पष्ट मामला माना गया है।गरियाबंद आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा
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पूंजीपारा का मामला: यहां सहायिका की नियुक्ति में फर्जीवाड़े का मामला पुलिस तक पहुँच चुका है। इस प्रकरण में चयनित आवेदिका और एक प्रधान पाठक के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) भी दर्ज की गई है।
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कोदोभाठा और कुम्हड़ाईकला: इन मामलों में भी कुछ अभ्यर्थियों को अनियमितताओं के चलते पहले ही जेल भेजा जा चुका है।
पहले बच रहे थे दोषी, अब अपर कलेक्टर की जांच से शिकंजे में
सूत्रों के अनुसार, अब तक इस पूरे प्रकरण में संलिप्त कई जिम्मेदार अधिकारी जांच की आंच से बचते रहे थे। लेकिन अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय द्वारा की गई सख्त और सूक्ष्म जांच के बाद अब वास्तविक दोषियों पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है।गरियाबंद आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा
चयन समिति को नोटिस, आपराधिक प्रकरण भी दर्ज
जांच रिपोर्ट के आधार पर, भर्ती प्रक्रिया की चयन समिति में शामिल मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO), बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO), खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) और खंड चिकित्सा अधिकारी (BMO) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यदि उनके द्वारा प्रस्तुत जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।गरियाबंद आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा
उल्लेखनीय है कि इस फर्जी भर्ती से संबंधित दो अलग-अलग आपराधिक प्रकरण देवभोग थाने में पहले से ही दर्ज हैं। अब जांच में दोषी पाए गए इन अधिकारियों और अन्य संलिप्त व्यक्तियों को इन मामलों में सह-आरोपी बनाया जा सकता है, जिसकी कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।गरियाबंद आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा
नियुक्तियां रद्द होना तय!
इन गंभीर गड़बड़ियों के उजागर होने के बाद, यह लगभग तय माना जा रहा है कि विवादित 13 पदों पर हुई नियुक्तियां रद्द की जाएंगी। प्रशासन इस मामले में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।गरियाबंद आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा









