रायपुर : दृष्टिबाधित बच्चों की शिक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए दंतेवाड़ा जिला प्रशासन ने एक सराहनीय पहल की है। जावंगा स्थित सक्षम आवासीय विद्यालय में दृष्टिबाधित बच्चों को विशेष उपकरण ‘एनी डिवाइस’ प्रदान किया गया है। यह स्मार्ट लर्निंग टूल ब्रेल लिपि को सीखने और पढ़ने में बच्चों की मदद करता है। दृष्टिबाधित बच्चों के लिए ‘एनी डिवाइस’ बना आत्मनिर्भरता का नया साधन
‘एनी डिवाइस’ कैसे करता है काम?
एनी डिवाइस बच्चों को ब्रेल अक्षरों को पहचानने और लिखने में सहायता करता है।
- बच्चे अपनी उंगलियों से ब्रेल अक्षरों को छूते हैं।
- डिवाइस तुरंत ऑडियो के माध्यम से अक्षर का नाम और उसकी ध्वनि सुनाता है।
- इसमें इंटरएक्टिव गेम्स और क्विज फीचर्स हैं, जो सीखने को मजेदार बनाते हैं। दृष्टिबाधित बच्चों के लिए ‘एनी डिवाइस’ बना आत्मनिर्भरता का नया साधन
बच्चों के लिए फायदे
- आसान ब्रेल लर्निंग: यह डिवाइस ब्रेल लिपि को सीखने की प्रक्रिया को सरल बनाता है।
- आत्मनिर्भरता में वृद्धि: बच्चे अपनी पढ़ाई में दूसरों पर कम निर्भर रहते हैं।
- आत्मविश्वास में इजाफा: यह तकनीक बच्चों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करती है।
- मनोरंजक अनुभव: गेम, गाने और अन्य डिजिटल सुविधाएं बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन का अनुभव देती हैं। दृष्टिबाधित बच्चों के लिए ‘एनी डिवाइस’ बना आत्मनिर्भरता का नया साधन
सक्षम विद्यालय: शिक्षा और तकनीक का संगम
दंतेवाड़ा जिले के गीदम विकासखंड स्थित सक्षम विद्यालय छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा संस्थान है, जहां दिव्यांग बच्चों को अत्याधुनिक तकनीकों और प्रशिक्षित शिक्षकों के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाती है।
- वर्तमान में 94 बालिकाएं और 90 बालक यहां पढ़ाई कर रहे हैं।
- इनमें 16 बालिकाएं और 12 बालक दृष्टिबाधित श्रेणी के हैं।
- सुबह सामान्य स्कूल और दोपहर में विशेष प्रशिक्षण कक्षाएं आयोजित होती हैं। दृष्टिबाधित बच्चों के लिए ‘एनी डिवाइस’ बना आत्मनिर्भरता का नया साधन
जिला प्रशासन का सराहनीय कदम
दंतेवाड़ा प्रशासन का यह प्रयास दृष्टिबाधित बच्चों के जीवन को नया आयाम दे रहा है।
2013 में सक्षम विद्यालय की स्थापना से लेकर 2025 में ‘एनी डिवाइस’ के उपयोग तक, यह पहल नेत्रहीन बच्चों की शिक्षा और आत्मनिर्भरता में बड़ा बदलाव ला रही है। दृष्टिबाधित बच्चों के लिए ‘एनी डिवाइस’ बना आत्मनिर्भरता का नया साधन