बिलासपुर: बहुचर्चित अरपा भैंसाझार परियोजना घोटाले में बड़ा एक्शन लिया गया है। राजस्व निरीक्षक मुकेश साहू को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर भ्रष्टाचार कर शासन को 3.42 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। अरपा भैंसाझार परियोजना घोटाला: राजस्व निरीक्षक मुकेश साहू बर्खास्त, सरकार को 3.42 करोड़ का नुकसान
पटवारी रहते रिकॉर्ड में की हेराफेरी
मुकेश साहू ने पटवारी पद पर रहते हुए सरकारी अभिलेखों में अनियमित बदलाव किए, जिससे भू-स्वामियों को अधिक मुआवजा मिला और शासन को भारी आर्थिक क्षति हुई। मामला प्रकाश में आने के बाद कलेक्टर ने जांच कमेटी गठित की थी। अरपा भैंसाझार परियोजना घोटाला: राजस्व निरीक्षक मुकेश साहू बर्खास्त, सरकार को 3.42 करोड़ का नुकसान
सुप्रीम कोर्ट ने की याचिका खारिज
साहू ने कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कलेक्टर को जांच कराने का पूरा अधिकार है। अरपा भैंसाझार परियोजना घोटाला: राजस्व निरीक्षक मुकेश साहू बर्खास्त, सरकार को 3.42 करोड़ का नुकसान
जांच में क्या मिला?
- पटवारी हल्का नंबर 45 सकरी में भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई।
- जुलाई 2021 की प्रारंभिक जांच में अनियमितताएं उजागर हुईं।
- जनवरी 2025 की जांच रिपोर्ट में आरोप सिद्ध हुए, जिसके बाद भू-अभिलेख विभाग ने बर्खास्तगी का आदेश जारी किया।
- 8 साल की कानूनी लड़ाई के बाद सरकार को 3.42 करोड़ के नुकसान की पुष्टि हुई। अरपा भैंसाझार परियोजना घोटाला: राजस्व निरीक्षक मुकेश साहू बर्खास्त, सरकार को 3.42 करोड़ का नुकसान
क्या था पूरा घोटाला?
पटवारी कार्यकाल के दौरान, साहू ने ग्राम सकरी की 0.90 एकड़ भूमि को अवैध रूप से व्यावसायिक भूमि में बदला। इस हेरफेर के कारण भूस्वामी मनोज अग्रवाल को 3.04 करोड़ का मुआवजा भुगतान हुआ। अरपा भैंसाझार परियोजना घोटाला: राजस्व निरीक्षक मुकेश साहू बर्खास्त, सरकार को 3.42 करोड़ का नुकसान
अब आगे क्या?
- सरकार अन्य दोषियों पर भी कार्रवाई कर सकती है।
- भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों की गहन जांच होगी।
- अन्य मामलों में भी प्रशासनिक स्तर पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।