रायपुर, छत्तीसगढ़: रायपुर जिले के आरंग ब्लॉक स्थित गौरभाट रेत घाट की नीलामी को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद खनिज विभाग के अधिकारियों ने जांच का दावा किया, लेकिन असलियत कुछ और ही सामने आई। गौरभाट गांव के ग्रामीणों ने एक बैठक बुलाकर घाट की नीलामी की और एक करोड़ से ज्यादा की राशि में ठेका दिया, जो नियमों के खिलाफ है। छत्तीसगढ़: गौरभाट रेत घाट की अवैध नीलामी का मामला, ग्रामीणों ने एक करोड़ रुपये में ठेका दिया
गांव में सामूहिक बैठक से रेत घाट की नीलामी
गौरभाट के ग्रामीणों ने 10 नवंबर को सामूहिक बैठक आयोजित की थी, जिसमें घाट की नीलामी को लेकर निर्णय लिया गया। बैठक में कई गांव के प्रमुख लोग शामिल हुए और घाट की बोली एक करोड़ रुपये रखी गई। अंततः, यह बोली बढ़कर 1 करोड़ 4 लाख रुपये तक पहुंच गई, जिसे ग्राम छटेरा के भोलू चंद्राकर ने जीत लिया और उसे रेत घाट का ठेका दिया गया। छत्तीसगढ़: गौरभाट रेत घाट की अवैध नीलामी का मामला, ग्रामीणों ने एक करोड़ रुपये में ठेका दिया
ठेके का विवरण: 6 महीने के लिए 50 हजार रुपये की एडवांस राशि
रेत घाट का ठेका छह महीनों के लिए दिया गया है। ठेकेदार को एडवांस में 50 हजार रुपये जमा करने को कहा गया है। इसके बाद, ठेकेदार को रेत खनन कार्य शुरू करने के बाद सात लाख रुपये की पहली किस्त जमा करनी होगी, और बाकी की राशि तीन से चार किस्तों में चुकानी होगी। छत्तीसगढ़: गौरभाट रेत घाट की अवैध नीलामी का मामला, ग्रामीणों ने एक करोड़ रुपये में ठेका दिया
अवैध रेत खनन: नदी का पानी निकाल कर खनन किया जाएगा
रेत घाट में भारी मात्रा में पानी भरा हुआ है, और ठेकेदार को इसे सुखाकर या बाहर निकालकर रेत का खनन करने की अनुमति दी गई है। यह खनन पूरी तरह से अवैध है, क्योंकि नदी से पानी निकालना या सुखाकर खनन करना नियमों का उल्लंघन है।
रेत खनन से करोड़ों की कमाई, सरकारी खजाने को नुकसान
खबरों के अनुसार, गौरभाट घाट से रोजाना लगभग 50 हाईवा रेत खनन और परिवहन किया जा सकता है, जिससे बाजार में इसकी कीमत लगभग 12 लाख रुपये तक होगी। ऐसे में इस घाट से हर महीने 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हो सकती है। यह सीधे तौर पर सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान पहुंचा सकता है। छत्तीसगढ़: गौरभाट रेत घाट की अवैध नीलामी का मामला, ग्रामीणों ने एक करोड़ रुपये में ठेका दिया
टेंडर प्रक्रिया में अड़चन, जांच का आदेश
खनिज विभाग ने कहा है कि इस मामले में जांच चल रही है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, पिछले साल इस घाट का टेंडर प्रक्रिया में अड़चन आई थी क्योंकि गांव वाले विकास के लिए बड़ी राशि की मांग कर रहे थे, और सहमति नहीं बन पाई थी। खनिज विभाग के उपसंचालक केके गोलघाटे ने जांच के आदेश दिए हैं, और तहसीलदार के साथ जांच टीम गठित की गई है। छत्तीसगढ़: गौरभाट रेत घाट की अवैध नीलामी का मामला, ग्रामीणों ने एक करोड़ रुपये में ठेका दिया