छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे की उम्मीद! केंद्रीय कमेटी सदस्य ने किया बड़ा ऐलान, मुख्यधारा में आने को तैयार

- नक्सल मोर्चे पर ऐतिहासिक मोड़: केंद्रीय कमेटी सदस्य ने किया बड़ा ऐलान, शांति वार्ता के लिए तैयार नक्सली
- “घुटनों पर नक्सलवाद”: केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने किया अस्थायी संघर्ष विराम का ऐलान
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे की उम्मीद! केंद्रीय कमेटी सदस्य ने किया बड़ा ऐलान, मुख्यधारा में आने को तैयार, छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर एक बड़ा और संभावित रूप से ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिल रहा है। नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के सदस्य और प्रवक्ता अभय उर्फ सोनू ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि नक्सली अब अस्थायी रूप से हथियारबंद संघर्ष को विराम देने और सरकार के साथ वार्ता के लिए तैयार हैं। उन्होंने इस प्रक्रिया के लिए एक माह का समय मांगा है, ताकि मुख्यधारा में आने और जनता की समस्याओं के समाधान पर गंभीरता से चर्चा की जा सके। यह महत्वपूर्ण घोषणा संगठन द्वारा जारी एक प्रेस नोट में की गई है, जिस पर 15 अगस्त 2025 की तारीख अंकित है।
मार्च 2025 से चल रहे प्रयासों का जिक्र, केंद्र सरकार पर लगाया सकारात्मक रुख न अपनाने का आरोप
प्रवक्ता अभय उर्फ सोनू ने मंगलवार को जारी प्रेस नोट में बताया कि संगठन मार्च 2025 के अंतिम सप्ताह से ही सरकार के साथ ईमानदारी से बातचीत के प्रयास कर रहा है। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने इन प्रयासों पर सकारात्मक रुख नहीं अपनाया। उन्होंने 10 मई को महासचिव द्वारा जारी एक बयान का भी हवाला दिया, जिसमें पार्टी ने सरकार से चर्चा के लिए एक माह का समय मांगते हुए सीज-फायर का प्रस्ताव रखा था। अभय के अनुसार, केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के बजाय जनवरी 2024 से जारी घेराव और उन्मूलन अभियानों को और तेज कर दिया।छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे की उम्मीद!
हालिया नुकसान और “बसवाराजू” की मौत के बाद बड़ा निर्णय
नक्सली संगठन के इस रुख में बदलाव के पीछे हाल ही में हुए बड़े नुकसान को एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। बीते एक महीने में नक्सलियों के तीन केंद्रीय कमेटी सदस्य (सीसी मेंबर) कम हो गए हैं। हाल ही में गरियाबंद में 1 करोड़ के इनामी बालकृष्णा उर्फ मनोज, झारखंड में 1 करोड़ के इनामी सहदेव सोरेन उर्फ प्रवेश और तेलंगाना में 1 करोड़ की इनामी सुजाता (दुर्दांत नक्सली किशन जी की पत्नी) ने आत्मसमर्पण किया है।छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे की उम्मीद!
प्रेस विज्ञप्ति में यह भी उल्लेख किया गया है कि हालिया संघर्ष में संगठन को भारी क्षति हुई है। अबूझमाड़ के गुंडेकोट के पास 21 मई को हुए हमले में पार्टी के महासचिव बसवाराजू के साथ केंद्रीय कमेटी के अन्य सदस्य और सुरक्षा गार्ड सहित कुल 28 नक्सली मारे गए थे। इन्हीं गंभीर घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में पार्टी ने कहा है कि अब शांति वार्ता की प्रक्रिया को पूरा करना आवश्यक है, और इसलिए उसने अपना रुख बदलते हुए शांति वार्ता को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे की उम्मीद!
मुख्यधारा में आने और जन-संघर्षों के माध्यम से समाधान की ओर कदम
प्रवक्ता अभय ने कहा कि पार्टी ने घोषणा की है कि वह अस्थायी रूप से हथियारबंद संघर्ष को विराम दे रही है और देश में उत्पीड़ित जनता की समस्याओं के समाधान के लिए जन-संघर्षों के जरिए मुख्यधारा में आने की दिशा में कदम उठाएगी। यह बयान किन्हीं कारणों से विलंब से जारी किया गया है, जैसा कि प्रेस नोट में 15 अगस्त 2025 की तारीख के साथ स्पष्ट किया गया है। यह घटनाक्रम छत्तीसगढ़ में दशकों से चली आ रही नक्सल समस्या के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे की उम्मीद!









