कर्नल सोफिया विवाद के बाद ‘साइडलाइन’ हुए मंत्री विजय शाह की वापसी, नाराज आदिवासियों को मनाने के लिए CM मोहन यादव ने खेला बड़ा दांव

कर्नल सोफिया विवाद के बाद ‘साइडलाइन’ हुए मंत्री विजय शाह की वापसी, नाराज आदिवासियों को मनाने के लिए CM मोहन यादव ने खेला बड़ा दांव
मुख्य बिंदु:
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कर्नल सोफिया पर विवादित टिप्पणी के बाद हाशिए पर चल रहे मंत्री विजय शाह को मिली बड़ी जिम्मेदारी।
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CM मोहन यादव ने खिवनी अभयारण्य में नाराज आदिवासियों को मनाने के लिए भेजा।
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हजारों आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन और कांग्रेस के दबाव के बाद BJP ने अपने आदिवासी नेता को आगे किया।
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शाह के लिए यह राजनीतिक ‘अग्निपरीक्षा’ और वापसी का मौका माना जा रहा है।
भोपाल/देवास: कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी के कारण महीनों से राजनीतिक हाशिए पर चल रहे मध्य प्रदेश के कद्दावर आदिवासी नेता और कैबिनेट मंत्री विजय शाह की एक बार फिर मुख्यधारा में वापसी हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बड़ा राजनीतिक दांव खेलते हुए उन्हें खिवनी अभयारण्य में वन विभाग की कार्रवाई से भड़के हजारों आदिवासियों को मनाने की अहम और चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है।कर्नल सोफिया विवाद के बाद ‘साइडलाइन’ हुए मंत्री विजय शाह की वापसी
क्यों पड़ी विजय शाह की ज़रूरत? (आदिवासी बनाम प्रशासन)
मामला देवास-सीहोर जिले में फैले खिवनी अभयारण्य का है। 23 जून को वन विभाग ने यहां अतिक्रमण हटाने के लिए एक बड़ी कार्रवाई की, जिससे स्थानीय वनवासी समुदाय में भारी आक्रोश फैल गया। इस कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को खातेगांव में एक विशाल विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसमें देवास, सीहोर, हरदा, बैतूल, और खंडवा जिलों से हजारों आदिवासी एकजुट हुए।कर्नल सोफिया विवाद के बाद ‘साइडलाइन’ हुए मंत्री विजय शाह की वापसी
कांग्रेस ने इस मौके को हाथ से जाने नहीं दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया समेत कई कांग्रेसी और जयस नेताओं ने मंच से सरकार पर तीखे हमले किए। आदिवासियों के इस उग्र प्रदर्शन ने सरकार को दबाव में ला दिया, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इस संकट को हल करने के लिए अपने सबसे अनुभवी आदिवासी चेहरे, विजय शाह, को मैदान में उतारा।कर्नल सोफिया विवाद के बाद ‘साइडलाइन’ हुए मंत्री विजय शाह की वापसी
कर्नल सोफिया विवाद: जब हाशिए पर चले गए थे शाह
यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मंत्री विजय शाह 11 मई को महू में दिए अपने एक बयान के बाद से ही पार्टी और सरकार में अलग-थलग पड़ गए थे। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दे रहीं महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी, जिसका देश भर में विरोध हुआ था। हाईकोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लेकर FIR के आदेश दिए थे और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। इस विवाद के बाद शाह कैबिनेट की बैठकों से भी दूर रहे और हाल ही में पचमढ़ी में हुए बीजेपी शिविर में भी उन्होंने चुप्पी साधे रखी।कर्नल सोफिया विवाद के बाद ‘साइडलाइन’ हुए मंत्री विजय शाह की वापसी
CM मोहन यादव ने खुद किया ऐलान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विजय शाह को यह जिम्मेदारी सौंपने की जानकारी खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर दी। उन्होंने लिखा:
“खिवनी अभयारण्य, सीहोर-देवास में वन विभाग द्वारा जनजातीय अंचल में की गई कार्रवाई का मामला संज्ञान में आया है। प्रशासन को ऐसी व्यवस्था बनाने के निर्देश दे दिए हैं, जिससे कल्याणकारी योजनाएं पूर्ण हों और संवेदनशीलता भी बनी रहे। माननीय मंत्री श्री विजय शाहजी को मौके पर जाने के लिए निर्देशित किया है।”कर्नल सोफिया विवाद के बाद ‘साइडलाइन’ हुए मंत्री विजय शाह की वापसी
यह कदम विजय शाह के लिए एक बड़ी राजनीतिक अग्निपरीक्षा है। अगर वे आदिवासियों का गुस्सा शांत करने में सफल रहते हैं, तो यह उनकी शानदार वापसी होगी। वहीं, सरकार ने भी अपने आदिवासी मंत्री को आगे कर कांग्रेस के हमलों की धार को कुंद करने की कोशिश की है।कर्नल सोफिया विवाद के बाद ‘साइडलाइन’ हुए मंत्री विजय शाह की वापसी









