मुलताई, बैतूल। क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय कुमार ओझा को बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 1.25 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में 7 साल की जेल और 14 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। यह फैसला मुलताई के अपर सत्र न्यायालय ने 11 साल पुराने मामले में मंगलवार को सुनाया।
विनय ओझा, जो घोटाले के समय बैंक के मैनेजर थे, ने 34 फर्जी खाते खोलकर उनमें केसीसी लोन ट्रांसफर किया और पैसा निकाल लिया था। इस मामले में अन्य तीन आरोपियों—अभिषेक रत्नम, धनराज और लखनलाल पवार को भी 7-7 साल जेल की सजा सुनाई गई है। क्रिकेटर नमन ओझा के पिता को बैंक घोटाले में 7 साल की सजा
2014 में दर्ज हुआ था केस, 2022 में हुई थी गिरफ्तारी
- केस की पृष्ठभूमि:
2014 में विनय ओझा और अन्य आरोपियों पर धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी।- केस दर्ज होने के बाद विनय ओझा 8 साल तक फरार रहे।
- 2022 में गिरफ्तारी के बाद उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था।
- साजिश कैसे रची गई:
- 2013 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में मैनेजर अभिषेक रत्नम ने साजिश रचकर 34 फर्जी खाते खुलवाए।
- इन खातों में केसीसी लोन ट्रांसफर किया गया।
- घोटाले में सफाईकर्मी और अन्य कर्मचारी भी शामिल थे। क्रिकेटर नमन ओझा के पिता को बैंक घोटाले में 7 साल की सजा
कोर्ट का फैसला और सजा
- कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए 7 साल की सजा सुनाई।
- जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर अतिरिक्त जेल अवधि भुगतनी होगी।
- फैसले के बाद चारों आरोपियों को मुलताई जेल भेज दिया गया।
मामले की प्रमुख बातें
- बैंक घोटाला 2013 में हुआ, जिसमें 1.25 करोड़ रुपये का गबन किया गया।
- फर्जी खातों के जरिए लोन ट्रांसफर कर पैसे निकाले गए।
- 8 साल की तलाश के बाद मुख्य आरोपी विनय ओझा को 2022 में गिरफ्तार किया गया।
- कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए घोटाले को सुनियोजित साजिश करार दिया। क्रिकेटर नमन ओझा के पिता को बैंक घोटाले में 7 साल की सजा