‘हेलो डॉक्टर’ में डॉ. अविनाश जैन: बच्चों में अर्थराइटिस और जोड़ों के रोगों पर विशेष चर्चा
लखनऊ के विशेषज्ञ ने बताए शुरुआती लक्षण, उपचार और माता-पिता के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: बच्चों में अर्थराइटिस और जोड़ों से संबंधित रोगों को लेकर अक्सर माता-पिता के मन में कई सवाल और चिंताएं रहती हैं। इन सभी शंकाओं का समाधान करने के लिए ‘हेलो डॉक्टर’ कार्यक्रम में एसजीपीजीआई लखनऊ के जाने-माने विशेषज्ञ, डॉ. अविनाश जैन ने बच्चों के जोड़ों के स्वास्थ्य से जुड़े आम सवालों के जवाब दिए। डॉ. जैन, एम.डी. मेडिसिन, डी.एम. क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी एवं रूमेटोलॉजी के साथ-साथ एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर में सहायक प्रोफेसर भी हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम (यूके) से क्वालिटेटिव रिसर्च और बिहेवियरल मेडिसिन में फेलोशिप प्राप्त की है और इंडियन रूमेटोलॉजी एसोसिएशन की कार्यकारिणी समिति के सदस्य भी हैं।
डॉ. अविनाश जैन ने बच्चों में अर्थराइटिस के शुरुआती लक्षणों को पहचानने के तरीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बच्चों में जोड़ों में दर्द, सूजन, सुबह की अकड़न या चलने-फिरने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।बच्चों में अर्थराइटिस और जोड़ों के रोगों पर विशेष चर्चा
पाठकों के महत्वपूर्ण सवालों के जवाब:
खानपान और दर्द: एक पाठक ने पूछा कि इमली, आंवला या संतरे खाने पर जोड़ों में तेज दर्द होता है, जबकि उनका आरए (रुमैटोइड आर्थराइटिस) फैक्टर सामान्य है। डॉ. जैन ने बताया कि आरए फैक्टर का सामान्य होना यह नहीं दर्शाता कि अर्थराइटिस नहीं है। कुछ खाद्य पदार्थ सूजन बढ़ा सकते हैं, और व्यक्तिगत संवेदनशीलता भी मायने रखती है। सही निदान के लिए विशेषज्ञ से परामर्श आवश्यक है।
स्थायी इलाज: 22 वर्षीय बेटी को ढाई साल की उम्र से एस्पॉन्डिलोआर्थराइटिस होने और सर्दियों में समस्या बढ़ने पर, डॉ. जैन ने कहा कि कुछ प्रकार के अर्थराइटिस का स्थायी इलाज नहीं होता, लेकिन आधुनिक उपचार और दवाइयों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
बच्चों में सुबह का दर्द: समीरा वर्मा की 10 वर्षीय बेटी के हाथों और पैरों की जोड़ों में सुबह-सुबह दर्द होने पर, डॉ. जैन ने इसे अर्थराइटिस का संभावित लक्षण बताया और तुरंत विशेषज्ञ से जांच कराने की सलाह दी।
घुटनों में दर्द और हड्डियों की मजबूती: आदित्य सिंह के 12 वर्षीय बेटे को खेलते समय घुटनों में दर्द होने पर, डॉ. जैन ने कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर आहार लेने, नियमित व्यायाम करने और हड्डियों के स्वास्थ्य की जांच कराने की सलाह दी।
कैल्शियम और विटामिन डी की कमी: अन्वी गुप्ता की बेटी में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी होने पर, डॉ. जैन ने धूप लेने, दूध, दही, पनीर जैसे डेयरी उत्पादों और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करने को कहा। जरूरत पड़ने पर सप्लीमेंट्स भी दिए जा सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह पर।
बच्चों में अर्थराइटिस और सूजन: रिहान खान के 11 वर्षीय बेटे के जोड़ों में सूजन और दर्द रात में भी होने पर, डॉ. जैन ने पुष्टि की कि बच्चों में भी अर्थराइटिस हो सकता है। उन्होंने शुरुआती पहचान और सही इलाज को रोकने का महत्वपूर्ण उपाय बताया।
हड्डियों की सुरक्षा के लिए आहार/व्यायाम: आरव अग्रवाल के सवाल पर डॉ. जैन ने संतुलित आहार, पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी, और हड्डियों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम जैसे दौड़ना, कूदना और वेट-बेयरिंग एक्सरसाइज करने की सलाह दी।
अर्थराइटिस के लक्षण और बचाव: काव्या देशमुख के प्रश्न पर डॉ. जैन ने बच्चों में जोड़ों में दर्द, सूजन, बुखार, थकान या चलने में कठिनाई जैसे लक्षणों को पहचानने और बचाव के लिए सक्रिय जीवनशैली अपनाने की सलाह दी।
हड्डियों की मजबूती के लिए सप्लीमेंट: विवान पटेल के दूध और दही खाने के बावजूद हड्डियों के मजबूत न लगने पर, डॉ. जैन ने विटामिन डी के स्तर की जांच कराने और डॉक्टर की सलाह पर ही सप्लीमेंट लेने की बात कही।
डॉ. अविनाश जैन ने माता-पिता से आग्रह किया कि वे बच्चों में जोड़ों से संबंधित किसी भी लक्षण को हल्के में न लें और समय रहते विशेषज्ञ से सलाह लें। यह जानकारी बच्चों की सेहत और रोगों से बचाव के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।बच्चों में अर्थराइटिस और जोड़ों के रोगों पर विशेष चर्चा









