रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य गठन के बाद पहली बार, चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों में वित्तीय अधिकारों को बढ़ाते हुए अधिष्ठाता और अस्पताल अधीक्षक को स्वतंत्र निर्णय लेने की सुविधा दी गई है। इस निर्णय से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा बल्कि मरीजों को भी तेजी से लाभ मिलेगा। राज्य गठन के बाद पहली बार नियमों में संशोधन: मेडिकल कॉलेजों के अधिष्ठाताओं और अस्पताल अधीक्षकों के अधिकार बढ़े
वित्तीय अधिकारों में बड़ा सुधार
पहले चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिष्ठाताओं और अस्पताल अधीक्षकों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी मंत्रालय से मंजूरी लेनी पड़ती थी। लेकिन अब, इन अधिकारियों को 10 लाख रुपये तक के वित्तीय अधिकार दिए गए हैं। दवाइयों, उपकरणों की मरम्मत और छोटे निर्माण कार्यों के लिए यह बड़ा सुधार है। इससे समय की बचत होगी और तात्कालिक जरूरतें तत्काल पूरी की जा सकेंगी। राज्य गठन के बाद पहली बार नियमों में संशोधन: मेडिकल कॉलेजों के अधिष्ठाताओं और अस्पताल अधीक्षकों के अधिकार बढ़े
स्वशासी सोसायटियों का पुनर्गठन
राज्य के 10 शासकीय मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की स्वशासी सोसायटियों का पुनर्गठन किया गया है।
- प्रबंधकारिणी समिति: अब 2 करोड़ रुपये तक की स्वीकृति दे सकेगी।
- वित्त समिति: 10 लाख रुपये तक के कार्य स्वीकृत कर सकेगी।
- आयुष्मान भारत योजना: मेडिकल कॉलेजों को इस योजना से 45% हिस्सेदारी मिलेगी, जो पहले 25% थी। राज्य गठन के बाद पहली बार नियमों में संशोधन: मेडिकल कॉलेजों के अधिष्ठाताओं और अस्पताल अधीक्षकों के अधिकार बढ़े
स्वास्थ्य सुविधाओं में होगा व्यापक सुधार
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, “मेडिकल कॉलेजों को सशक्त बनाकर हम तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए प्रयासरत हैं। इन निर्णयों से मरीजों को त्वरित और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिलेंगी।” राज्य गठन के बाद पहली बार नियमों में संशोधन: मेडिकल कॉलेजों के अधिष्ठाताओं और अस्पताल अधीक्षकों के अधिकार बढ़े
नवा रायपुर में हुई बैठक
महानदी भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग की आयुक्त श्रीमती किरण कौशल सहित सभी संभाग आयुक्त, कलेक्टर, मेडिकल कॉलेजों के डीन और अस्पताल अधीक्षक शामिल हुए। राज्य गठन के बाद पहली बार नियमों में संशोधन: मेडिकल कॉलेजों के अधिष्ठाताओं और अस्पताल अधीक्षकों के अधिकार बढ़े
इन फैसलों से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा मिलेगी और मेडिकल कॉलेजों को स्वायत्तता के साथ कार्य करने का अवसर मिलेगा।