नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके नारायणपुर में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ सोनपुर और कोहकामेटा के सीमावर्ती क्षेत्र में हुई, जिसमें डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) नारायणपुर के 36 वर्षीय प्रधान आरक्षक वीरेंद्र कुमार सोरी शहीद हो गए। पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में प्रधान आरक्षक शहीद, क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी
कैसे हुई मुठभेड़?
डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त टीम 3 दिसंबर को नक्सल विरोधी सर्च ऑपरेशन के तहत सोनपुर और कोहकामेटा के इलाके में रवाना हुई थी। आज दोपहर करीब 1 बजे इलाके में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच रुक-रुक कर कई बार मुठभेड़ हुई। पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में प्रधान आरक्षक शहीद, क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी
प्रधान आरक्षक वीरेंद्र कुमार सोरी की वीरता
- साहसिक योगदान: प्रधान आरक्षक वीरेंद्र कुमार सोरी ने नक्सलियों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी।
- शहीद का परिचय: वे कांकेर जिले के नरहरपुर निवासी थे। 2010 में उन्होंने नारायणपुर जिला पुलिस बल में आरक्षक के रूप में सेवा शुरू की थी।
- सम्मान: 2018 में नक्सल ऑपरेशन में अदम्य साहस और वीरता दिखाने के लिए उन्हें पदोन्नति देकर प्रधान आरक्षक बनाया गया था। पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में प्रधान आरक्षक शहीद, क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी
सर्च ऑपरेशन जारी
सुरक्षा बलों की नक्सल विरोधी गश्त और तलाशी अभियान अभी भी मुठभेड़ स्थल पर जारी है। घटना के बाद क्षेत्र में सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है। पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में प्रधान आरक्षक शहीद, क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी
नक्सल प्रभावित इलाकों में बढ़ते संघर्ष
नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार हो रही मुठभेड़ों ने सुरक्षा बलों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। सरकार और पुलिस विभाग इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय हैं। पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में प्रधान आरक्षक शहीद, क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी