महिला प्रतिनिधियों के अधिकारों में दखल देना होगा अपराध, लगेगा भारी जुर्माना
नई दिल्ली। पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को आरक्षण मिलने के बावजूद उनके पति या परिजन निर्णय लेने की शक्ति अपने हाथ में रखते रहे हैं। अब केंद्र सरकार इस प्रवृत्ति को अपराध घोषित करने की तैयारी में है। सरकार गंभीर दंड और जुर्माने का प्रावधान लाकर महिलाओं को वास्तविक अधिकार सौंपने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, पंचायत प्रतिनिधियों के लिए न्यूनतम शिक्षा योग्यता अनिवार्य करने पर भी विचार किया जा रहा है। त्रि-स्तरीय पंचायतों में पति राज होगा खत्म, केंद्र सरकार कर रही सख्त कानून की तैयारी!
महिला जनप्रतिनिधियों के अधिकारों में दखल देना होगा अपराध
सुप्रीम कोर्ट के 6 जुलाई 2023 के आदेश के बाद पंचायती राज मंत्रालय ने एक सलाहकार समिति गठित की थी। इस समिति ने ‘पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व और प्रॉक्सी हस्तक्षेप को खत्म करने’ पर एक रिपोर्ट तैयार की, जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है। त्रि-स्तरीय पंचायतों में पति राज होगा खत्म, केंद्र सरकार कर रही सख्त कानून की तैयारी!
इन 14 राज्यों ने दी अहम भागीदारी
समिति की चार कार्यशालाओं में राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और सिक्किम ने भाग लिया। त्रि-स्तरीय पंचायतों में पति राज होगा खत्म, केंद्र सरकार कर रही सख्त कानून की तैयारी!
महिलाओं के लिए आरक्षण – 21 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में लागू
73वें संविधान संशोधन (1992) के तहत पंचायतों में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटों का आरक्षण अनिवार्य किया गया। अब तक 21 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों ने इसे अपनाया है। त्रि-स्तरीय पंचायतों में पति राज होगा खत्म, केंद्र सरकार कर रही सख्त कानून की तैयारी!
समिति की मुख्य सिफारिशें
✅ महिला प्रतिनिधियों के कामकाज में पुरुषों के हस्तक्षेप को अपराध घोषित किया जाए।
✅ पंचायत प्रशासन केवल महिला प्रतिनिधियों से संवाद करे, न कि उनके परिजनों से।
✅ पंचायत अध्यक्ष बनने के लिए न्यूनतम स्कूल शिक्षा अनिवार्य की जाए।
✅ महिला ग्राम सभाओं में भागीदारी बढ़ाने के लिए पश्चिम बंगाल मॉडल अपनाया जाए।
✅ केरल की तर्ज पर वार्ड-स्तरीय समितियों में लिंग-विशिष्ट कोटा लागू किया जाए।
✅ प्रॉक्सी नेतृत्व की गोपनीय शिकायतों के लिए हेल्पलाइन और निगरानी समिति बनाई जाए।
✅ महिला पंचायत नेताओं का संघ गठित किया जाए। त्रि-स्तरीय पंचायतों में पति राज होगा खत्म, केंद्र सरकार कर रही सख्त कानून की तैयारी!
सरकार की पहल से बदलेगी पंचायतों की तस्वीर
अगर सरकार इस नीति को लागू करती है तो त्रि-स्तरीय पंचायतों में महिलाओं का वास्तविक सशक्तिकरण संभव होगा और पति या अन्य पुरुष रिश्तेदारों का दखल पूरी तरह खत्म हो सकेगा। त्रि-स्तरीय पंचायतों में पति राज होगा खत्म, केंद्र सरकार कर रही सख्त कानून की तैयारी!