छत्तीसगढ़ में बड़ी प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी, साय सरकार कस रही नकेल, कई कलेक्टर-एसपी पर गिर सकती है गाज

छत्तीसगढ़ में बड़ी प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी, साय सरकार कस रही नकेल, कई कलेक्टर-एसपी पर गिर सकती है गाज
मुख्य बिंदु:-
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‘सुशासन तिहार’ के समापन के बाद छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक फेरबदल की अटकलें तेज।
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खराब प्रदर्शन और शिकायतों के आधार पर कई जिलों के कलेक्टर और एसपी बदले जा सकते हैं।
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मुख्यमंत्री सचिवालय सीधे तौर पर अधिकारियों के कामकाज की निगरानी कर रहा है।
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मंत्रिमंडल विस्तार और मुख्य सचिव के रिटायरमेंट से भी फेरबदल की संभावना बढ़ी।
रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में ‘सुशासन तिहार’ का समापन हो गया है। अब इसके बाद प्रदेश के प्रशासनिक गलियारों में एक बड़ी फेरबदल की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। सूत्रों की मानें तो साय सरकार जल्द ही एक बड़ी “प्रशासनिक सर्जरी” को अंजाम दे सकती है, जिसके तहत कई जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) का तबादला किया जा सकता है।छत्तीसगढ़ में बड़ी प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी
मंत्रालय से लेकर जिलों तक इस सुगबुगाहट ने अधिकारियों की बेचैनी बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि सरकार प्रदर्शन और परिणाम के आधार पर अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपेगी।छत्तीसगढ़ में बड़ी प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी
प्रशासनिक फेरबदल के क्या हैं मुख्य कारण?
यह प्रशासनिक फेरबदल केवल एक रूटीन प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसके पीछे ठोस कारण बताए जा रहे हैं। सरकार उन अधिकारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है, जिनके कामकाज को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं।छत्तीसगढ़ में बड़ी प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी
हाल ही में समाप्त हुए ‘सुशासन तिहार’ के दौरान सरकार ने अपनी योजनाओं और उनके क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत का जायजा लिया। इस दौरान कई जिलों में गंभीर खामियां सामने आईं:
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शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में सुस्ती: कई जिलों में जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति धीमी पाई गई, जिससे आम जनता को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा था।
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रेत और शराब का अवैध कारोबार: कुछ जिलों से रेत के अवैध खनन और शराब की अवैध बिक्री व तस्करी की गंभीर शिकायतें भी मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची हैं। सरकार इन गतिविधियों पर लगाम कसने में नाकाम अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के मूड में है।
मंत्रिमंडल विस्तार और मुख्य सचिव का रिटायरमेंट
इस प्रशासनिक फेरबदल के पीछे कुछ राजनीतिक और प्रशासनिक कारण भी हैं।छत्तीसगढ़ में बड़ी प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी
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मंत्रिमंडल विस्तार का प्रभाव: विधानसभा के मानसून सत्र से पहले मंत्रिमंडल विस्तार की भी चर्चा है। यदि ‘हरियाणा फॉर्मूला’ लागू होता है और नए मंत्री बनाए जाते हैं, तो वे अपनी पसंद के अधिकारियों के साथ काम करना चाहेंगे। इससे भी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग में बदलाव होना तय है।
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मुख्य सचिव का कार्यकाल: प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। नए मुख्य सचिव की नियुक्ति के बाद प्रशासनिक टीम में बदलाव एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जो इस फेरबदल को और भी आवश्यक बना देती है।
परफॉर्मेंस पर मुख्यमंत्री सचिवालय की पैनी नजर
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का सचिवालय (CMO) सीधे तौर पर सभी जिलों के कलेक्टरों और एसपी के कामकाज की निगरानी कर रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं समय-समय पर प्रदर्शन की समीक्षा करते हैं।छत्तीसगढ़ में बड़ी प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी
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अच्छा काम, बड़ा इनाम: जिन अधिकारियों का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है और जिन्होंने सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया है, उन्हें पुरस्कृत करते हुए बड़ी और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है।
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कमजोर प्रदर्शन पर कार्रवाई: वहीं, जिन अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें हैं या जिनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है, उन्हें कम महत्व वाले पदों पर भेजा जा सकता है या उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी संभव है।
कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ सरकार अब एक्शन मोड में है और प्रशासन में जवाबदेही तय करने पर जोर दे रही है। यह फेरबदल न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का प्रयास है, बल्कि सरकार की प्राथमिकताओं को जमीन पर उतारने की एक मजबूत कवायद भी है।छत्तीसगढ़ में बड़ी प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी









