
रायपुर में योग की लहर: सरकारी स्कूल में बच्चों ने जनप्रतिनिधियों संग सीखे आसन, स्वस्थ भविष्य का लिया संकल्प
मुख्य बिंदु:
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विश्व योग दिवस पर रायपुर के काठाडीह सरकारी स्कूल में हुआ भव्य आयोजन।
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स्कूली बच्चों के साथ सरपंच, पूर्व सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी किया योगाभ्यास।
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योग शिक्षकों ने बच्चों को सिखाए आसन, प्राणायाम और स्वस्थ जीवन का महत्व।
रायपुर: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के काठाडीह स्थित शासकीय स्कूल का प्रांगण योग की ऊर्जा से सराबोर हो गया। इस विशेष आयोजन में स्कूली बच्चों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और शिक्षकों के साथ मिलकर योगाभ्यास किया और एक स्वस्थ एवं अनुशासित जीवनशैली अपनाने का संकल्प लिया।सरकारी स्कूल में बच्चों ने जनप्रतिनिधियों संग सीखे आसन
बच्चों और बड़ों ने मिलकर किया योग

यह आयोजन सामुदायिक भागीदारी की एक सुंदर मिसाल बना, जहाँ छोटे-छोटे बच्चों के साथ-साथ गाँव के सरपंच से लेकर अन्य वरिष्ठ नागरिक भी एक साथ योग करते नजर आए। योग शिक्षक रमाकांत यादव और पूर्व सरपंच गज्जू यादव ने विशेषज्ञ के तौर पर कार्यक्रम का नेतृत्व किया। उन्होंने बड़ी ही सहजता से बच्चों और अन्य उपस्थित लोगों को विभिन्न योगासनों की正しい तकनीक और उनके लाभों के बारे में बताया।सरकारी स्कूल में बच्चों ने जनप्रतिनिधियों संग सीखे आसन
आसनों से सजी सुबह, मन हुआ प्रफुल्लित

इस योग सत्र में बच्चों को कई महत्वपूर्ण आसन सिखाए गए। उन्होंने ताड़ासन (Mountain Pose) से शरीर को खिंचाव दिया, वृक्षासन (Tree Pose) से संतुलन साधा और भुजंगासन (Cobra Pose) से रीढ़ को मजबूती दी। इसके अलावा सूर्य नमस्कार, धनुरासन, वज्रासन और शवासन जैसे कई अन्य आसनों का भी अभ्यास कराया गया, जिससे न केवल उनका शरीर लचीला बना, बल्कि मन भी शांत और एकाग्र हुआ।सरकारी स्कूल में बच्चों ने जनप्रतिनिधियों संग सीखे आसन
सामुदायिक एकता की दिखी झलक
इस कार्यक्रम की सफलता में स्थानीय नेतृत्व की सक्रिय भागीदारी सराहनीय रही। सरपंच त्रिवेणी नरेंद्र साहू, पूर्व सरपंच गज्जू यादव, उपसरपंच रंजीत निषाद, पंच महेंद्र ध्रुव और समाजसेवी शंकर धनकर जैसे जनप्रतिनिधियों ने बच्चों के साथ योग करके उन्हें प्रोत्साहित किया। साथ ही, स्कूल की प्रधान पाठिका मीरा श्रीवास और सभी शिक्षकों ने भी इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह कार्यक्रम सिर्फ एक योगाभ्यास सत्र नहीं, बल्कि सामुदायिक स्वास्थ्य और एकता का उत्सव बन गया।सरकारी स्कूल में बच्चों ने जनप्रतिनिधियों संग सीखे आसन









