अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: देहरादून से राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश – “स्वास्थ्य ही सच्ची संपत्ति, योग है मानवता की धरोहर”

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: देहरादून से राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश – “स्वास्थ्य ही सच्ची संपत्ति, योग है मानवता की धरोहर”
मुख्य बिंदु:-
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम में भाग लिया।
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“स्वयं और समाज के लिए योग” की थीम पर दिया जोर, योग को बताया मानवता की साझी विरासत।
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कहा- योग किसी धर्म या पंथ से नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के कल्याण से जुड़ा है।
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी योग को भारत का वैश्विक उपहार बताया।
देहरादून: 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून योग की ऊर्जा से जीवंत हो उठी। इस विशेष राष्ट्रीय आयोजन का नेतृत्व स्वयं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया, जहाँ उन्होंने हजारों लोगों के साथ मिलकर योगाभ्यास किया और विश्व को स्वास्थ्य और कल्याण का संदेश दिया।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: देहरादून से राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश
“स्वयं और समाज के लिए योग”: इस वर्ष का केंद्रीय भाव
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में इस वर्ष की थीम “स्वयं और समाज के लिए योग” (Yoga for Self and Society) के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि योग का अर्थ ही ‘जोड़ना’ है। यह न केवल हमारे शरीर, मन और आत्मा को एकाकार करता है, बल्कि व्यक्ति को समाज से और राष्ट्र को विश्व से जोड़ने की अद्भुत शक्ति भी रखता है। उन्होंने कामना की कि योग के माध्यम से पूरा विश्व स्वस्थ और प्रसन्न रहे।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: देहरादून से राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश
“योग किसी पंथ का नहीं, मानवता का है”: राष्ट्रपति का स्पष्ट संदेश
राष्ट्रपति ने इस भ्रांति को भी दूर किया कि योग किसी विशेष धर्म या संप्रदाय से जुड़ा है। उन्होंने जोर देकर कहा, “योग किसी पंथ का नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के कल्याण का मार्ग है। यह जीवन जीने की एक कला है, जो अपनाने वाले के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है।” उन्होंने कहा कि भारत की इस प्राचीन विरासत को आज पूरी दुनिया ने खुले दिल से अपनाया है और इससे लाभान्वित हो रही है।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: देहरादून से राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश
“स्वास्थ्य ही वास्तविक संपदा है”
“कहा जाता है कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी संपदा है,” राष्ट्रपति ने इस बात पर बल देते हुए सभी देशवासियों से योग को अपनी दैनिक दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस अनमोल संपदा (स्वास्थ्य) को संजोकर रखना हमारा परम कर्तव्य है, और योग इसका सबसे सरल और प्रभावी माध्यम है।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: देहरादून से राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश
उपराष्ट्रपति ने भी दी शुभकामनाएं: योग को बताया भारत का वैश्विक उपहार
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी ‘X’ पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने संदेश में लिखा, “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हम भारत की इस 5000 साल पुरानी ज्ञान परंपरा का उत्सव मनाते हैं। यह भारत का दुनिया को दिया एक अनमोल उपहार है, जो आज सीमाओं से परे जाकर मानवता को स्वास्थ्य, शांति और सद्भाव से जोड़ रहा है।”अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: देहरादून से राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश
यह आयोजन न केवल योग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक मंच पर इसकी बढ़ती स्वीकार्यता का भी प्रमाण है।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: देहरादून से राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश









