45 दिनों में 3.20 करोड़ यूनिट बिजली की खपत
महाकुंभ मेले में इस बार बिजली की खपत ने नए रिकॉर्ड बनाए। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित मेले में कुल 3.20 करोड़ यूनिट बिजली खर्च हुई। इससे विद्युत विभाग को लगभग 28.80 करोड़ रुपये की आमदनी हुई, जबकि विभाग ने इस पर कुल 211.20 करोड़ रुपये खर्च किए। महाकुंभ 2025: बिजली विभाग ने 211 करोड़ खर्च कर कमाए सिर्फ 28 करोड़, 45 दिन में जली 3.20 करोड़ यूनिट बिजली
बिजली सप्लाई के लिए 54 हजार पोल और 85 सबस्टेशन
महाकुंभ को रोशन करने के लिए बिजली विभाग ने 54,000 खंभे लगाए और 1405 किलोमीटर एलटी लाइन व 182 किलोमीटर 11 केवी एचटी लाइन बिछाई। पूरे मेला क्षेत्र में 85 सबस्टेशनों से बिजली आपूर्ति की गई, जिससे रोजाना औसतन 27 मेगावोल्ट एम्पीयर (एमवीए) बिजली खपत हुई। महाकुंभ 2025: बिजली विभाग ने 211 करोड़ खर्च कर कमाए सिर्फ 28 करोड़, 45 दिन में जली 3.20 करोड़ यूनिट बिजली
लाखों कैंप कनेक्शन और व्यावसायिक उपभोक्ता
इस मेले में 4.25 लाख से अधिक कैंप कनेक्शन दिए गए। हजारों की संख्या में व्यावसायिक कनेक्शनों से विद्युत विभाग को 7 करोड़ रुपये की आय हुई। कुल मिलाकर, पूरे शहर में 45 दिनों में 27.30 करोड़ यूनिट बिजली की खपत हुई, जबकि मेला क्षेत्र में 3.20 करोड़ यूनिट बिजली खर्च हुई। महाकुंभ 2025: बिजली विभाग ने 211 करोड़ खर्च कर कमाए सिर्फ 28 करोड़, 45 दिन में जली 3.20 करोड़ यूनिट बिजली
सोलर एनर्जी का भी किया गया इस्तेमाल
बिजली आपूर्ति को सुचारू बनाने के लिए सौर ऊर्जा (Solar Energy) का भी सहारा लिया गया। विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता पीके सिंह के अनुसार, पहले 5 करोड़ यूनिट बिजली खपत का अनुमान था, लेकिन असल में यह आंकड़ा इससे कम रहा। महाकुंभ 2025: बिजली विभाग ने 211 करोड़ खर्च कर कमाए सिर्फ 28 करोड़, 45 दिन में जली 3.20 करोड़ यूनिट बिजली
380.20 करोड़ के प्रोजेक्ट का दो भागों में हुआ खर्च
महाकुंभ के लिए 380.20 करोड़ रुपये का बिजली प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। इसमें से 211.20 करोड़ मेला क्षेत्र और 179 करोड़ शहर की बिजली व्यवस्था पर खर्च किए गए। अब मेले में इस्तेमाल किए गए ट्रांसफार्मर, केबल और एलईडी लाइट्स को शहर की बिजली आपूर्ति में उपयोग किया जाएगा। महाकुंभ 2025: बिजली विभाग ने 211 करोड़ खर्च कर कमाए सिर्फ 28 करोड़, 45 दिन में जली 3.20 करोड़ यूनिट बिजली