करोड़ों की अनियमितता उजागर, भ्रष्ट अधिकारी पर कार्रवाई का इंतजार
कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराना है, लेकिन इस योजना में भ्रष्ट अधिकारियों की गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। हाल ही में जिले के पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत में तैनात तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी मुरारी राम कर्मवीर (एमआर कर्मवीर) द्वारा बिना वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी के करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया है। इस मामले की शिकायत जिला पंचायत सीईओ तक पहुंचने के बाद जांच के आदेश जारी हुए थे। पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत में मनरेगा घोटाला: तत्कालीन अधिकारी ने बिना अनुमति करोड़ों का भुगतान किया, जांच में हुआ खुलासा
जांच में करोड़ों की वित्तीय अनियमितता का खुलासा
जांच रिपोर्ट के अनुसार, 12 सितंबर 2022 से 7 नवंबर 2022 के बीच एमआर कर्मवीर ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी बीएस राज और राधेश्याम मिर्जा के डीएससी का उपयोग उनकी अनुमति के बिना किया।
भुगतान का विवरण:
- मजदूरी मद: ₹4 करोड़ 20 लाख 49 हजार 571
- सामग्री मद: ₹9 लाख 84 हजार 320
- प्रशासकीय मद (वेतन व कार्यालय व्यय): ₹33 लाख 4 हजार 548
- अर्द्धकुशल मजदूरी मद: ₹7 लाख 11 हजार 46
विशेष: मजदूरी मद का ₹4.20 करोड़ का भुगतान बिना किसी नस्ती संधारण या अनुशंसा के किया गया।
जांच टीम और रिपोर्ट का निष्कर्ष
जांच दल में संतोष कुमार राठौर (NRM विशेषज्ञ), नीता बिलथरे (लेखाधिकारी), जुली तिर्की (उप संचालक पंचायत) और संतोष नाग (कार्यपालन अभियंता) शामिल थे। जांच में वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई है। पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत में मनरेगा घोटाला: तत्कालीन अधिकारी ने बिना अनुमति करोड़ों का भुगतान किया, जांच में हुआ खुलासा
पदस्थ भ्रष्ट अधिकारी पर सियासी दबाव
वर्तमान में आरोपी एमआर कर्मवीर कटघोरा जनपद पंचायत में तैनात हैं। राजनीतिक दबाव के चलते उन्हें फिर से पोड़ी उपरोड़ा में नियुक्त करने की मांग की जा रही है। हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से अभी कार्रवाई का इंतजार है। पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत में मनरेगा घोटाला: तत्कालीन अधिकारी ने बिना अनुमति करोड़ों का भुगतान किया, जांच में हुआ खुलासा
नजरें जिला प्रशासन की कार्रवाई पर
मनरेगा जैसे महत्वपूर्ण योजना में करोड़ों के घोटाले ने शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भ्रष्ट अधिकारी की पहुंच और राजनीतिक दबाव के बीच अब देखना है कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत में मनरेगा घोटाला: तत्कालीन अधिकारी ने बिना अनुमति करोड़ों का भुगतान किया, जांच में हुआ खुलासा