छत्तीसगढ़ में चुनाव टलने की संभावनाएं
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव फिलहाल टलते हुए नजर आ रहे हैं। राज्य सरकार इन दोनों चुनावों को एक साथ कराने की योजना बना रही है। इसी के तहत चुनाव प्रक्रिया को व्यवस्थित करने का काम शुरू कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव 6 महीने टलने के आसार, मई-जून तक हो सकते हैं चुनाव
पंचायतों और निकायों का आरक्षण अपडेट
- 17 दिसंबर 2024 को पंचायतों और 19 दिसंबर को नगरीय निकायों के लिए आरक्षण की तिथि घोषित की गई थी।
- 16 दिसंबर को पंचायतों का आरक्षण स्थगित कर दिया गया, जबकि 19 दिसंबर को नगरीय निकायों के वार्डों का आरक्षण पूरा हुआ।
- नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के वार्डों का आरक्षण हो चुका है। लेकिन महापौर और निकायों के अध्यक्ष पद का आरक्षण अभी बाकी है। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव 6 महीने टलने के आसार, मई-जून तक हो सकते हैं चुनाव
चुनाव टलने के मुख्य कारण
- आरक्षण प्रक्रिया में देरी:
पंचायत और निकायों के विभिन्न पदों के आरक्षण को लेकर प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं हो पाई है। - शैक्षणिक परीक्षाओं का दौर:
फरवरी के बाद राज्य में विभिन्न परीक्षाएं (छत्तीसगढ़ बोर्ड, सीबीएसई) आयोजित की जाएंगी। इन परीक्षाओं के दौरान चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। - चुनाव के लिए अतिरिक्त समय:
मौजूदा पंचायतों का कार्यकाल 27 जनवरी 2025 को समाप्त होगा। सरकारी अध्यादेश के अनुसार, कार्यकाल समाप्त होने के छह महीने के भीतर चुनाव कराया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव 6 महीने टलने के आसार, मई-जून तक हो सकते हैं चुनाव
मई-जून में हो सकते हैं चुनाव
सरकारी घोषणाओं और विभिन्न आयोजनों के मद्देनजर, पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव मई-जून 2025 में कराए जाने की संभावना है। यह समय उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को प्रचार के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करेगा।
चुनाव में देरी का प्रभाव
- चुनाव में देरी से विकास योजनाओं और घोषणाओं को लागू करने का मौका मिलेगा।
- प्रत्याशियों को जनता के बीच जाकर प्रचार करने और अपने पक्ष में माहौल बनाने का पर्याप्त समय मिलेगा।
- पंचायतों में आरक्षण प्रक्रिया को लेकर उत्सुकता बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव 6 महीने टलने के आसार, मई-जून तक हो सकते हैं चुनाव