“आत्महत्या नहीं, मेरे नाती की हत्या हुई है!” – एक साल से इंसाफ के लिए भटक रही नानी, पुलिस की जांच पर उठाए गंभीर सवाल

“आत्महत्या नहीं, मेरे नाती की हत्या हुई है!” – एक साल से इंसाफ के लिए भटक रही नानी, पुलिस की जांच पर उठाए गंभीर सवाल
मुख्य बिंदु:
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बालोद में एक साल पहले ढाबा कर्मचारी की मौत का मामला गरमाया।
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पुलिस ने जिसे आत्महत्या माना, उसे मृतक की नानी हत्या बता रही हैं।
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नानी ने शरीर पर चोट के निशान और घटनास्थल के हालात को बनाया आधार।
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एक साल से न्याय के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर काट रही बुजुर्ग महिला।
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मृतक को काम पर ले जाने वाले दोस्त पर गहराया शक।
CG Crime News: आत्महत्या नहीं, मेरे नाती की हत्या हुई है!” – एक साल से इंसाफ के लिए भटक रही नानी, बालोद में एक साल पुरानी मौत का रहस्य गहराता जा रहा है। सितंबर 2023 में डंगनिया के एक ढाबे में काम करने वाले युवक युवराज साहू का शव फंदे पर लटका मिला था। पुलिस ने शुरुआती तौर पर इसे आत्महत्या का मामला माना, लेकिन मृतक की बुजुर्ग नानी गौतम बाई इसे मानने को तैयार नहीं हैं। वह पिछले एक साल से चीख-चीखकर कह रही हैं, “मेरे नाती ने आत्महत्या नहीं की, उसकी हत्या की गई है,” और इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही हैं।
क्या है पूरा मामला: ढाबे में मौत की वो रात
दुर्ग जिले की रहने वाली बुजुर्ग महिला गौतम बाई ने बताया कि उनके नाती युवराज साहू को पड़ोस में रहने वाला चंदन बोरकर नाम का युवक डंगनिया स्थित एक ढाबे में काम दिलाने के लिए ले गया था। 12 सितंबर 2023 की रात करीब 10:30 बजे, उसी चंदन ने फोन करके बताया कि युवराज ने फांसी लगा ली है।आत्महत्या नहीं, मेरे नाती की हत्या हुई है!” – एक साल से इंसाफ के लिए भटक रही नानी
जब परिवार वाले मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने जो देखा, उससे उनके होश उड़ गए और आत्महत्या की कहानी पर शक गहरा गया।आत्महत्या नहीं, मेरे नाती की हत्या हुई है!” – एक साल से इंसाफ के लिए भटक रही नानी
आत्महत्या या हत्या? इन 4 वजहों से उठ रहे हैं सवाल
गौतम बाई ने पुलिस को दिए अपने बयान और ज्ञापन में उन वजहों का जिक्र किया है, जो इस मामले को हत्या की ओर इशारा कर रही हैं:
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जमीन पर पड़ा था शव: जब परिवार पहुंचा, तो युवराज का शव फंदे से लटकने के बजाय जमीन पर पड़ा हुआ था।
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असंभव फांसी: गले में बंधा रस्सी जैसा कपड़ा दीवार में महज 4 फीट की ऊंचाई पर लगे एक कील से लटका था। किसी भी व्यक्ति के लिए इतनी कम ऊंचाई पर फांसी लगाना लगभग नामुमकिन है।
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शरीर पर चोट के निशान: मृतक युवराज के हाथ-पैरों पर खरोंच और चोट के गहरे निशान थे।
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मौके पर मिला खून: घटनास्थल पर खून भी बिखरा हुआ था, जो मारपीट या संघर्ष की ओर साफ इशारा कर रहा था।
एक साल का संघर्ष और इंसाफ की अधूरी आस
अपने नाती को खोने के गम और इंसाफ न मिलने की पीड़ा लिए गौतम बाई पिछले एक साल से संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने कई बार पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच और हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। उनका सीधा शक उस दोस्त चंदन बोरकर पर है, जो युवराज को काम पर ले गया था। उन्हें अंदेशा है कि मारपीट के बाद युवराज की हत्या की गई और फिर उसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई।आत्महत्या नहीं, मेरे नाती की हत्या हुई है!” – एक साल से इंसाफ के लिए भटक रही नानी
पुलिस की चुप्पी और जांच की धीमी रफ्तार
इस मामले में पुलिस का कहना है कि जांच जारी है। हालांकि, एक साल बीत जाने के बाद भी मामले में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है और न ही हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस फिलहाल कुछ भी कहने से बच रही है, जबकि एक बुजुर्ग नानी न्याय की उम्मीद में हर दरवाजे पर दस्तक दे रही है।आत्महत्या नहीं, मेरे नाती की हत्या हुई है!” – एक साल से इंसाफ के लिए भटक रही नानी









