स्पीकर की नसीहत – बड़े फैसले से पहले सदन को दी जानी चाहिए थी सूचना
रायपुर | छत्तीसगढ़ विधानसभा में भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी की जांच को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार पर पारदर्शिता न बरतने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि जब इस मुद्दे पर सदन में पहले से चर्चा हो रही थी, तो सरकार ने गुपचुप तरीके से ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) से जांच कराने का निर्णय क्यों लिया?
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी सरकार को नसीहत दी कि इतने बड़े फैसले से पहले सदन को सूचना देना आवश्यक था। भारतमाला परियोजना घोटाले की जांच पर हंगामा, विपक्ष ने सरकार को घेरा!
नेता प्रतिपक्ष का हमला – सरकार ने सदन को किया नजरअंदाज!
शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भारतमाला परियोजना में कथित घोटाले का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा,
“इस परियोजना में भ्रष्टाचार को लेकर पहले भी सवाल उठाया गया था और जांच की मांग की गई थी। तब सरकार ने संभागीय आयुक्त से जांच कराने की बात कही थी, लेकिन अचानक कैबिनेट ने ईओडब्ल्यू जांच का निर्णय ले लिया। यदि यह घोषणा सदन में की जाती, तो पारदर्शिता बनी रहती।” भारतमाला परियोजना घोटाले की जांच पर हंगामा, विपक्ष ने सरकार को घेरा!
स्पीकर का बयान – बड़े फैसले पर पहले सदन में चर्चा होनी चाहिए
डॉ. महंत के आरोपों पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सरकार को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि जब किसी मामले पर सदन में चर्चा चल रही हो, तो उस पर कोई भी बड़ा निर्णय लेने से पहले सदन को सूचित किया जाना चाहिए। उन्होंने राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को इस मामले में सदन में बयान देने के निर्देश भी दिए। भारतमाला परियोजना घोटाले की जांच पर हंगामा, विपक्ष ने सरकार को घेरा!
क्या है भारतमाला परियोजना में घोटाले का आरोप?
भारत सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में कई राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जा रहे हैं। लेकिन इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण, टेंडर प्रक्रिया और ठेकेदारों की भूमिका को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि –
✔️ किसानों की ज़मीन को बाजार दर से काफी कम दामों पर अधिग्रहित किया गया।
✔️ टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताएं बरती गईं और कुछ ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। भारतमाला परियोजना घोटाले की जांच पर हंगामा, विपक्ष ने सरकार को घेरा!
सरकार का जवाब – निष्पक्ष जांच का दिया आश्वासन
इस विवाद पर सफाई देते हुए राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि,
“सरकार ने निष्पक्ष जांच के लिए कैबिनेट में यह फैसला लिया ताकि प्रशासनिक हस्तक्षेप न हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।” भारतमाला परियोजना घोटाले की जांच पर हंगामा, विपक्ष ने सरकार को घेरा!
विपक्ष का आरोप – सरकार सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही है!
कांग्रेस ने इस मामले में सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि,
“सरकार ने इस मुद्दे को दबाने के लिए कैबिनेट में फैसला लेकर सीधे ईओडब्ल्यू को जांच सौंप दी, ताकि गड़बड़ियों की असली परतें सामने न आ सकें।” भारतमाला परियोजना घोटाले की जांच पर हंगामा, विपक्ष ने सरकार को घेरा!
आगे क्या होगा?
अब पूरा ध्यान ईओडब्ल्यू की जांच रिपोर्ट पर है। सवाल यह है कि –
➡️ क्या दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी?
➡️ या फिर यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
फिलहाल, इस मुद्दे को लेकर सदन में गरमा-गरम बहस जारी है और विपक्ष सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता। भारतमाला परियोजना घोटाले की जांच पर हंगामा, विपक्ष ने सरकार को घेरा!