प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में राज्य सूचना आयुक्त मोहम्मद नदीम ने एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में उन्होंने सरकारी अफसरों को सूचना का अधिकार (RTI) से संबंधित मामलों में तेजी और पारदर्शिता बनाए रखने का निर्देश दिया।प्रयागराज में RTI की समीक्षा बैठक: राज्य सूचना आयुक्त नदीम का कड़ा संदेश
सूचना के अधिकार पर चुप्पी साधना नहीं चलेगा
राज्य सूचना आयुक्त मोहम्मद नदीम ने अफसरों को चेतावनी दी कि सूचना मांगने वाले आवेदनों पर चुप्पी साधना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर जिलों में जन सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना प्रदान नहीं की जाती है, तो यह संदेह पैदा करता है कि कुछ छुपाया जा रहा है।प्रयागराज में RTI की समीक्षा बैठक: राज्य सूचना आयुक्त नदीम का कड़ा संदेश
सूचना के अधिकार के प्रावधानों की पालना
नदीम ने जोर देकर कहा कि जन सूचना अधिकारी को 30 दिनों के भीतर सूचना प्रदान करनी चाहिए। यदि सूचना देना संभव नहीं है, तो इसके कारणों की स्पष्ट जानकारी भी आवेदक को दी जानी चाहिए। सूचना के अधिकार के तहत आवेदन पर चुप्पी बरतना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।प्रयागराज में RTI की समीक्षा बैठक: राज्य सूचना आयुक्त नदीम का कड़ा संदेश
लंबित प्रकरणों की समीक्षा और प्राथमिकताएं
शनिवार को समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में मोहम्मद नदीम ने बताया कि मार्च में आयुक्तों की नई टीम के कार्यभार संभालने के बाद उन्हें 30,000 लंबित प्रकरण मिले। उन्होंने कहा कि इन लंबित प्रकरणों के निस्तारण के साथ-साथ नई अपीलों का भी समयबद्ध तरीके से निपटारा आयोग की प्राथमिकता है।प्रयागराज में RTI की समीक्षा बैठक: राज्य सूचना आयुक्त नदीम का कड़ा संदेश
अधिकारीयों की जिम्मेदारी
राज्य सूचना आयुक्त ने स्पष्ट किया कि जिन जिलों में अधिक अपीलें आएंगी, समझा जाएगा कि वहां के अफसर RTI कानून के प्रति गंभीर नहीं हैं। ऐसे अधिकारियों को RTI अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार दंडित किया जाएगा। उन्होंने विभागों को सलाह दी कि सूचना मांगने वालों को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखें और पारदर्शिता बनाए रखें।प्रयागराज में RTI की समीक्षा बैठक: राज्य सूचना आयुक्त नदीम का कड़ा संदेश
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने भी विभाग में लंबित सूचना के आवेदनों और उनके निस्तारण की स्थिति की जानकारी दी।