रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेड़ा) में करोड़ों के टेंडर बांटने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। क्रेड़ा के CEO राजेश सिंह राणा पर आरोप है कि उन्होंने गुपचुप तरीके से मनचाही कंपनियों को ठेके बांट दिए। मामला तब गरमाया जब सिस्टम इंट्रीगेटर्स ने 5 लाख रुपये की उगाही और दबाव की शिकायत की। क्रेड़ा में गड़बड़झाला: करोड़ों के टेंडर बांटे, CEO राजेश राणा पर लगे गंभीर आरोप
टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप
क्रेड़ा में निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव स्पष्ट दिखाई दिया।
- नए और पुराने सिस्टम इंट्रीगेटर्स को शामिल करने में विवाद हुआ, जिससे तय समय पर टेंडर नहीं खुल सके।
- पुराने सिस्टम इंट्रीगेटर्स पर दबाव डालकर जॉइंट वेंचर करने को कहा गया।
- पांच प्रमुख ठेकेदारों ने निविदा में अनियमित दरें स्वीकार करने से मना कर दिया, जिससे मामला और बढ़ गया। क्रेड़ा में गड़बड़झाला: करोड़ों के टेंडर बांटे, CEO राजेश राणा पर लगे गंभीर आरोप
मनचाही कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप
- CEO राजेश सिंह राणा ने मनपसंद कंपनियों को ठेके दिलाने के लिए L-1 घोषित करने में भूमिका निभाई।
- तीन महीने तक टेंडर रोकने के बाद कुछ चुनिंदा कंपनियों को ठेके बांटे गए।
- शिकायतें मुख्यमंत्री और ऊर्जा सचिव तक पहुंची हैं, जिससे CEO को तलब किए जाने की संभावना है।
क्रेड़ा के बड़े प्रोजेक्ट पर असर
क्रेड़ा के अंतर्गत जल जीवन मिशन, सौर सुजला योजना और सोलर हाई मास्ट लाइट जैसे बड़े प्रोजेक्ट आते हैं।
- जल जीवन मिशन का कार्य 31 दिसंबर तक पूरा होना था, लेकिन टेंडर में देरी से यह लक्ष्य पीछे छूट गया।
- सौर ऊर्जा परियोजनाओं में केंद्र से मिलने वाला फंड भी खतरे में है।
- CEO की हठधर्मिता और गड़बड़ी के कारण विभागीय कामकाज बाधित हुआ है। क्रेड़ा में गड़बड़झाला: करोड़ों के टेंडर बांटे, CEO राजेश राणा पर लगे गंभीर आरोप
शिकायतें और विभागीय समीक्षा
- पीएचई मंत्री ने कार्यों की समीक्षा में शिकायतों को गंभीरता से लिया है।
- भंडार क्रय नियमों के उल्लंघन और अनियमितताओं को लेकर क्रेड़ा पर जांच का दबाव बढ़ रहा है।
- देखना होगा कि विभाग इस गड़बड़ी पर क्या स्पष्टीकरण देता है। क्रेड़ा में गड़बड़झाला: करोड़ों के टेंडर बांटे, CEO राजेश राणा पर लगे गंभीर आरोप