
छत्तीसगढ़ में सिजेरियन डिलीवरी: निजी अस्पतालों में चौंकाने वाले आंकड़े, सरकारी में स्थिति बेहतर
मुख्य सुर्खियाँ:-
-
छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतालों में 50% से अधिक प्रसव सिजेरियन ऑपरेशन द्वारा।
-
सरकारी अस्पतालों में यह आंकड़ा मात्र 7% के आसपास, जो चिंताजनक अंतर को दर्शाता है।
-
सिजेरियन मामलों में छत्तीसगढ़ कई बड़े और विकसित राज्यों से भी आगे।
-
वित्तीय लाभ और अनावश्यक भय को माना जा रहा प्रमुख कारण।
रायपुर (छत्तीसगढ़ समाचार): प्रदेश में प्रसव के तरीकों को लेकर एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों (2020-21 व 2021-22) के अनुसार, छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतालों में होने वाली कुल डिलीवरी में से आधे से अधिक, यानी 50% से भी ज्यादा, सिजेरियन (ऑपरेशन द्वारा) हो रही हैं। इसके विपरीत, सरकारी अस्पतालों में यह आंकड़ा महज 7 फ़ीसदी के करीब है। यह न केवल एक बड़ा अंतर दर्शाता है बल्कि इस पर गंभीर चिंतन की भी आवश्यकता है।छत्तीसगढ़ में सिजेरियन डिलीवरी
निजी बनाम सरकारी: एक बड़ा अंतर
आंकड़ों का विश्लेषण स्पष्ट करता है कि निजी चिकित्सा संस्थानों में गर्भवती महिलाओं के ऑपरेशन द्वारा प्रसव कराने की प्रवृत्ति काफी अधिक है।
-
निजी अस्पतालों में: वर्ष 2020-21 में 47.73% और 2021-22 में यह बढ़कर 50.87% हो गया।
-
सरकारी अस्पतालों में: वर्ष 2020-21 में 6.67% और 2021-22 में 7.27% सिजेरियन डिलीवरी हुईं।
-
एम्स रायपुर का उदाहरण: यहां तक कि प्रतिष्ठित संस्थान एम्स, रायपुर में भी 2024-25 में सिजेरियन डिलीवरी का प्रतिशत 12 से 15 के बीच रहा है, जो सरकारी अस्पतालों से अधिक लेकिन निजी की तुलना में काफी कम है।
यह प्रवृत्ति विशेष रूप से राजधानी रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और भिलाई जैसे बड़े शहरों के निजी अस्पतालों में अधिक देखी जा रही है, जहाँ अस्पतालों की संख्या भी अधिक है।छत्तीसगढ़ में सिजेरियन डिलीवरी
अन्य राज्यों से तुलना: छत्तीसगढ़ की स्थिति
चौंकाने वाली बात यह है कि सिजेरियन डिलीवरी के मामले में छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतालों के आंकड़े गुजरात (20.62% – 2021-22), महाराष्ट्र (30.96% – 2021-22), आंध्र प्रदेश (47.52% – 2021-22) और कर्नाटक (44.11% – 2021-22) जैसे कई बड़े और तथाकथित विकसित राज्यों से भी अधिक हैं।छत्तीसगढ़ में सिजेरियन डिलीवरी
हालांकि, कुछ राज्य जैसे जम्मू-कश्मीर (91.74%), दिल्ली (61.61%), गोवा (61.68%) और ओडिशा (74.62%) में निजी अस्पतालों में सिजेरियन का प्रतिशत छत्तीसगढ़ से भी ज्यादा है (आंकड़े 2021-22)।छत्तीसगढ़ में सिजेरियन डिलीवरी
सिजेरियन की बढ़ती प्रवृत्ति के पीछे संभावित कारण
इस बढ़ती प्रवृत्ति के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं:
-
वित्तीय लाभ: यह आरोप लगते रहे हैं कि कुछ निजी अस्पताल अधिक पैसे कमाने के लिए अनावश्यक सिजेरियन को बढ़ावा देते हैं। उल्लेखनीय है कि लगभग 8 साल पहले प्रदेश सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतालों से सिजेरियन डिलीवरी को हटा दिया था, क्योंकि इसके दुरुपयोग और गैर-जरूरी ऑपरेशन की शिकायतें मिली थीं। अब यह कैश या अन्य इंश्योरेंस के माध्यम से हो रहा है।
-
मरीजों की मांग और कम शारीरिक सक्रियता: कुछ डॉक्टरों का तर्क है कि आर्थिक रूप से सक्षम वर्ग, जो निजी अस्पतालों का रुख करता है, उनमें शारीरिक सक्रियता कम होती है और वे प्रसव पीड़ा से बचने के लिए स्वयं सिजेरियन की मांग करते हैं।
-
पिछला सिजेरियन: यदि पहली डिलीवरी सिजेरियन हुई हो, तो निजी अस्पतालों में दूसरी डिलीवरी भी अक्सर सिजेरियन ही की जाती है।
-
खतरे का डर: कई बार सामान्य प्रसव में संभावित खतरे का हवाला देकर भी सिजेरियन का निर्णय लिया जाता है, जैसा कि एक केस स्टडी में सामने आया।
विशेषज्ञ की राय
एम्स, रायपुर की विभागाध्यक्ष डॉ. सरिता अग्रवाल के अनुसार, “आर्थिक रूप से सक्षम घरों की महिलाएं, जो प्रसव पीड़ा सहन नहीं कर सकतीं, उनके परिजन ‘ऑन डिमांड’ सिजेरियन कराना चाहते हैं। यदि निजी अस्पताल में पहली डिलीवरी सिजेरियन हुई है, तो दूसरी भी सिजेरियन ही होती है। जबकि सरकारी अस्पतालों में पहली डिलीवरी सिजेरियन होने के बाद भी सामान्य प्रसव कराने का प्रयास किया जाता है। निजी अस्पतालों में संपन्न लोग जाते हैं, इसलिए वहां सिजेरियन डिलीवरी का प्रतिशत अधिक है।”छत्तीसगढ़ में सिजेरियन डिलीवरी
चिंता का विषय और आगे की राह
निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी की यह उच्च दर निश्चित रूप से चिंता का विषय है। यह न केवल मां के स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है बल्कि परिवारों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ भी डालता है। इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि सिजेरियन केवल चिकित्सकीय रूप से आवश्यक होने पर ही किया जाए।छत्तीसगढ़ में सिजेरियन डिलीवरी
छत्तीसगढ़ में प्रसव के आंकड़े (प्रतिशत में):
| श्रेणी | 2020-21 | 2021-22 |
| कुल सिजेरियन (सरकारी+निजी) | 16.31 | 17.82 |
| सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन | 06.67 | 07.27 |
| निजी अस्पतालों में सिजेरियन | 47.73 | 50.87 |









