
राहुवास प्रशासन के गांवों के साथ अभियान शिविरों में लोगों के आय से संबंधित गतिविधियों में अवैधता और शराब पीने की स्थिति में कार्यरत होने जैसे गंभीर शिकायतों पर राजस्व विभाग ने राहुवास तहसीलदार कुलदीप मीणा को निलंबित कर दिया है। निदेशक ने अपने निलंबन मुख्यालय पर कल से अलग जांच का प्रस्ताव दिया है। वास्तव में, चार पंचायतों में शिविरों के दौरान काम में लापरवाही बरतने की क्षेत्रीय लोगों ने रामगढ़ पचवारा के एसडीएम को शिकायत की थी, जिसमें मंत्री परसादी लाल मीणा भी शामिल थे। मंत्री ने वित्त मंत्रालय को एक रिपोर्ट जारी की।
इसे 20 मई को निलंबित किया। जबकि, तहसीलदारने कहा कि कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ झूठी शिकायत कर रिपोर्ट भिजवाई है। गौरतलब है कि राहुवास तहसीलदार के खिलाफ आशानुरूप आमजन के कार्य नहीं करने और उच्च अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना करने के आरोप हैं। साथ ही गोपालपुरा, जगनेर तुर्कान व शनिवार को डूंगरपुर शिविर के दौरान लगातार लोगों द्वारा चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा से राहुवास तहसीलदार की शिकायत करने पर रामगढ़ पचवारा एसडीएम को मंत्री ने तुरंत प्रभाव सेकार्यवाही करने के लिए कहा गया। इस पर एसडीएम ने शिकायत जिला कलेक्टर को भेजी, उन्होंने राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी।
इस पर राजस्व मंडल अजमेर द्वारा राहुवास तहसीलदार कुलदीप मीणा को सस्पेंड कर दिया। रामगढ़ पचवारा एसडीएम मोहर सिंह मीणा के अनुसार राज्य सरकार द्वारा जनहित में चलाए जा रहे प्रशासन गांवों के संग अभियान में तहसीलदार राहुवास द्वारा आशा के अनुरूप कार्य नहीं किया गया। तहसीलदार को कई बार मौखिक निर्देश दिए जाने के बाद भी राजस्व संबंधित कार्यों में प्रगति नहीं की। उनके तहसील क्षेत्र राहुवास में अब तक चार शिविर संपन्न हो चुके हैं जहां उनका खराब प्रदर्शन रहा। चरागाह व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही, पैतृक कृषि के लंबित वाद निस्तारण प्रगति भी शून्य रही।
वहीं आम जन द्वारा भी सामूहिक शिकायत कर अवगत कराया कि वे तहसील कार्यालय समय में भी नशा कर कार्यालय में आते हैं और आमजन के कार्य को गंभीरता से नहीं किया जाता है। गोपालपुरा में 15 मई को महंगाई राहत शिविर के दौरान शिविर प्रभारी एसडीएम मोहर सिंह मीणा को कोलीवाड़ा ग्राम पंचायत के लोगों ने लिखित में शिकायत देकर तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। ग्राम कोलीवाड़ा में सीमा ज्ञान में पत्थर गढ़ी करवाने के लिए तहसीलदार के पास गए थे, जो अनुपस्थित मिले। दूरभाष पर संपर्क करने पर निवास स्थान नांगल राजावतान भी पहुंचे। वहां तहसीलदार नशे की हालत में मिले। गांव के रामप्रसाद बुर्जा, नंदलाल बुर्जा, पूर्व सरपंच पवन शर्मा व्यासों का नोहरा, विश्राम मीणा कोलीवाडा, बद्री लाल महावर, नारायण सिंह, गजराज सिंह, आदि ने लिखित में शिकायत दी।









