मानपुर में भ्रष्टाचार का पुल फिर ढहा: 2 साल में तीसरी बार टूटा, ITBP कैंप समेत कई गांवों का संपर्क कटा

मानपुर में भ्रष्टाचार का पुल फिर ढहा: 2 साल में तीसरी बार टूटा, ITBP कैंप समेत कई गांवों का संपर्क कटा
मानपुर: मानपुर में भ्रष्टाचार का पुल फिर ढहा: 2 साल में तीसरी बार टूटा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत बना एक पुलिया एक बार फिर भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण की कहानी बयां कर रहा है। मानपुर के गट्टेगहन-संबलपुर मार्ग पर बनी यह पुलिया पहली ही बारिश नहीं झेल सकी और ढह गई। यह पिछले दो सालों में तीसरी बार है जब यह पुलिया टूटी है, जिससे क्षेत्र के कई गांवों और सुरक्षाबलों के कैंप का संपर्क मुख्यालय से पूरी तरह कट गया है।
घटिया निर्माण की जीती-जागती मिसाल
यह पुलिया, जो गट्टेगहन को संबलपुर और बुकमरका से जोड़ती है, साल 2023 में ही बनकर तैयार हुई थी। ग्रामीणों के वर्षों के इंतजार के बाद जब यह सुविधा मिली, तो उन्हें क्या पता था कि यह विकास नहीं, बल्कि लापरवाही का प्रतीक बन जाएगी। निर्माण में इस्तेमाल हुई घटिया सामग्री और भ्रष्टाचार का आलम यह है कि यह पुलिया दो साल के भीतर तीन बार टूट चुकी है। पिछले साल भी मानसून की पहली बारिश में ही यह दो बार ढह गई थी।मानपुर में भ्रष्टाचार का पुल फिर ढहा: 2 साल में तीसरी बार टूटा
ITBP कैंप और गांवों का मुख्यालय से टूटा संपर्क

इस पुलिया का टूटना सिर्फ आम लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी एक बड़ी समस्या है। इस मार्ग पर स्थित संबलपुर, सुडियाल और कभी नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले बुकमरका जैसे गांवों का संपर्क मानपुर मुख्यालय से टूट गया है। इसके अलावा, संबलपुर में स्थित पुलिस और आईटीबीपी (ITBP) कैंप के जवानों की आवाजाही भी इसी पुलिया पर निर्भर थी, जो अब पूरी तरह ठप हो गई है।मानपुर में भ्रष्टाचार का पुल फिर ढहा: 2 साल में तीसरी बार टूटा
गारंटी में पुलिया, फिर भी ठेकेदार पर मेहरबानी क्यों?
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यह सड़क और पुलिया पांच साल की गारंटी अवधि में है। नियम के अनुसार, इस दौरान किसी भी तरह की खराबी के लिए निर्माण एजेंसी (ठेकेदार) पूरी तरह से जिम्मेदार है। इसके बावजूद, जिला प्रशासन ने आज तक न तो ठेकेदार पर कोई ठोस कार्रवाई की है और न ही संबंधित इंजीनियर की जवाबदेही तय की है। प्रशासन का यह रवैया भ्रष्ट कार्य एजेंसी को संरक्षण देने जैसा प्रतीत होता है।मानपुर में भ्रष्टाचार का पुल फिर ढहा: 2 साल में तीसरी बार टूटा
नेताओं के वादे हवा-हवाई, कार्रवाई शून्य
पिछले साल जब यह पुलिया टूटी थी, तब प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा, सांसद संतोष पाण्डेय और पूर्व विधायक संजीव शाह ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था। लेकिन ये सारे वादे खोखले साबित हुए और आज तक किसी भी दोषी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह घटना शासन की मंशा और प्रशासन की संवेदनहीनता पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है।मानपुर में भ्रष्टाचार का पुल फिर ढहा: 2 साल में तीसरी बार टूटा
प्रशासन का गोलमोल जवाब: “भारी बाढ़ से कटा अप्रोच”
इस मामले पर जब पीएमजीएसवाय के एसडीओ विजय सोनी से बात की गई, तो उन्होंने रटा-रटाया जवाब दिया। उन्होंने कहा, “पुलिया का अप्रोच भारी बाढ़ की वजह से कटा है। इसे जल्द ही ठीक करा दिया जाएगा। हमने रिटेनिंग वॉल के लिए प्रस्ताव भेजा है, स्वीकृति मिलते ही स्थायी समाधान हो जाएगा।” हालांकि, यह जवाब नाकाफी है क्योंकि दो साल में तीन बार पुलिया का टूटना सिर्फ “भारी बाढ़” का नतीजा नहीं हो सकता, यह सीधे तौर पर निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाता है।मानपुर में भ्रष्टाचार का पुल फिर ढहा: 2 साल में तीसरी बार टूटा
ग्रामीणों ने अब इस मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषी ठेकेदार व इंजीनियर पर एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की मांग की है।मानपुर में भ्रष्टाचार का पुल फिर ढहा: 2 साल में तीसरी बार टूटा









