विकास की भेंट चढ़ी आस्था की राह: सावन से पहले टूटा सतिघाट धाम का रास्ता, भड़के लोग बोले- “सड़क बनाओ, वरना होगा आंदोलन!”

विकास की भेंट चढ़ी आस्था की राह: सावन से पहले टूटा सतिघाट धाम का रास्ता, भड़के लोग बोले- “सड़क बनाओ, वरना होगा आंदोलन!”
जशपुर विकास की भेंट चढ़ी आस्था की राह, जशपुर जिले के प्रसिद्ध सतिघाट शिवधाम में सावन की तैयारियों पर प्रशासनिक लापरवाही का ग्रहण लग गया है। जल संसाधन विभाग द्वारा स्टॉप डेम बनाने के लिए की गई खुदाई और भारी वाहनों की आवाजाही ने आस्था के इस मुख्य मार्ग को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया है। सड़क इस कदर जर्जर हो चुकी है कि वह कभी भी नहर में समा सकती है, जिससे एक बड़े हादसे का खतरा मंडरा रहा है।
इस स्थिति से नाराज नगर पंचायत अध्यक्ष, पार्षदों और स्थानीय नागरिकों ने विभाग को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि सावन से पहले सड़क की मरम्मत नहीं हुई, तो वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे।विकास की भेंट चढ़ी आस्था की राह
क्या है पूरा मामला? विकास के नाम पर विनाश!
कोतबा की जीवनरेखा कही जाने वाली भैवनी नदी पर स्थित सतिघाट धाम में जल संसाधन विभाग 1.61 करोड़ रुपये की लागत से स्टॉप डेम का जीर्णोद्धार और नहर निर्माण का कार्य करवा रहा है।विकास की भेंट चढ़ी आस्था की राह
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भारी वाहनों ने तोड़ी सड़क: इस निर्माण कार्य के लिए बड़ी-बड़ी पोकलेन मशीनों और भारी ट्रकों का इस्तेमाल किया गया, जिससे शिवधाम तक जाने वाली एकमात्र पक्की सीसी रोड पूरी तरह टूट गई।
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खतरनाक बनी सड़क: सड़क का एक बड़ा हिस्सा खोदी गई नहर की तरफ धंस गया है, जिससे छोटी कारों का गुजरना भी दूभर हो गया है। कभी भी कोई वाहन अनियंत्रित होकर नहर में गिर सकता है।
“अधिकारी सुनते नहीं, मनमानी कर रहे हैं”: अध्यक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
इस मामले पर नगर पंचायत अध्यक्ष हितेंद्र सिंह ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों पर मनमानी और लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं।विकास की भेंट चढ़ी आस्था की राह
उन्होंने कहा, “विभाग यहां क्या बना रहा है, इसकी कोई जानकारी हमें नहीं दी गई है। मौके पर कोई सूचना बोर्ड तक नहीं है। एसडीओ को फोन करने पर वह दो दिन में आने का वादा करते हैं, लेकिन कभी नहीं आते। वे मनमाने ढंग से कहीं भी गड्ढे खोद रहे हैं और हमारी बनाई सड़कों को बर्बाद कर रहे हैं।”विकास की भेंट चढ़ी आस्था की राह
सावन की भक्ति पर लापरवाही का साया
यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि कुछ ही दिनों में पवित्र सावन का महीना शुरू हो रहा है। सतिघाट धाम में हर सोमवार को 5 से 10 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।विकास की भेंट चढ़ी आस्था की राह
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पार्षद सुमित शर्मा ने चेतावनी दी, “अगर भक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सड़क तुरंत ठीक नहीं की गई, तो हम सभी नगरवासी धरने पर बैठेंगे।”
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मंदिर के पुजारी धीरज शर्मा ने चिंता जताते हुए कहा, “सावन में हजारों लोग, बच्चे और महिलाएं यहां आते हैं। अगर कोई हादसा होता है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? प्रशासन को तुरंत इस सड़क को चलने लायक बनाना चाहिए।”
विभाग का आश्वासन: सावन से पहले सुधार का वादा
चौतरफा दबाव के बाद, जल संसाधन विभाग के एसडीओ नरेंद्र कुमार सिन्हा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “मुझे सड़क क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है। मैंने उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है और निर्माण एजेंसी को तत्काल सुरक्षा उपाय करने के निर्देश दिए हैं। सावन से पहले आवश्यक सुधार कार्य कर दिए जाएंगे।”विकास की भेंट चढ़ी आस्था की राह
अब देखना यह है कि क्या विभाग का यह वादा समय पर पूरा होता है, या फिर आस्था की राह पर भक्तों को खतरों से होकर गुजरना पड़ेगा।विकास की भेंट चढ़ी आस्था की राह









