बारिश में टापू बन जाता है गांव, पुल न होने से स्कूली बच्चों और ग्रामीणों का खतरे में आना आम
कवर्धा जिले के बड़ौदा खुर्द गांव में नदी पार करने के लिए लोग जोखिम में डाल रहे अपनी जान, वर्षों से पुल या पुलिया की मांग अनसुनी

कवर्धा। बारिश में टापू बन जाता है गांव, पुल न होने से स्कूली बच्चों और ग्रामीणों का खतरे में आना आम. लगातार हो रही बारिश के कारण कवर्धा जिले के लोहारा विकासखंड के ग्राम बड़ौदा खुर्द में स्थित कर्रानाला नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे ग्रामीणों की समस्याएं और बढ़ गई हैं। इस गांव में नदी या नालों को पार करने के लिए पुल या रपटा तक नहीं है। जिसके चलते लोग—including स्कूली बच्चे और बीमार व्यक्ति—जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं।
शनिवार सुबह, जब नदी का जलस्तर सामान्य से काफी अधिक था, स्कूली बच्चे बारिश में भीगते हुए नदी पार करने के लिए मजबूर थे। कई ग्रामीणों ने बच्चों की मदद करने के लिए बारी-बारी से उन्हें नदी पार कराया। ग्रामीणों का कहना है कि जलस्तर बढ़ने पर लोग खुद अपनी जान जोखिम में डालते हैं और बच्चों को भी सुरक्षित पहुँचाने के लिए नदी पार कराते हैं।बारिश में टापू बन जाता है गांव
बड़ौदा खुर्द ग्राम पंचायत के लोग कई वर्षों से पुल या छोटे पुलिया निर्माण की मांग कर रहे हैं। पंचायत चुनाव, जिला, विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान कई नेताओं से भी इस मुद्दे को उठाया गया, लेकिन अब तक कोई गंभीर कार्रवाई नहीं हुई।बारिश में टापू बन जाता है गांव
ग्रामीणों का कहना है कि पुल न होने के कारण विशेषकर बारिश के मौसम में उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। किसी की तबियत बिगड़ने पर स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए दूर का खतरे भरा रास्ता तय करना पड़ता है, जो कई बार जानलेवा भी साबित हो सकता है।बारिश में टापू बन जाता है गांव
सोशल मीडिया पर इस समस्या के उजागर होने के बाद जिला पंचायत उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी ने कहा कि संबंधित विभाग को इस मामले का संज्ञान दिलाया जाएगा। निरीक्षण के बाद प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा ताकि गांव में पुल या पुलिया का निर्माण किया जा सके।बारिश में टापू बन जाता है गांव
यह मामला ग्रामीण जीवन की कठिनाइयों और बुनियादी सुविधाओं की कमी को उजागर करता है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों सहित गांववासी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपनी रोजमर्रा की जिंदगी जीने को मजबूर हैं।बारिश में टापू बन जाता है गांव
Source: स्थानीय ग्रामीणों और जिला पंचायत उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी









